नाचिकेत हिन्दी-खोज-यंत्र 50 और सम्पादकों को अपनी टीम में जोडना चाहता है. इस समय नाचिकेत हिन्दी का सबसे वृहद सर्च-इंजन है, एवं सहयोगी सम्पादक इसे और भी वृहद बनाने में मदद कर सकते हैं. हर सम्पादक के पास अपने खुद का स्वतंत्र गूगल नियंत्रण-पेनल/बटन होगा जहां बिना किसी और के दखल के वे अपनी पसन्द के हिन्दी चिट्ठों एवं जाल-स्थलों को जोड सकेंगे.
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शास्त्री जी,
इस महान कार्य में मैं भी भागीदार बनना चाहता हूँ। कृपया बताइये क्या करना है।
मैं भी..मैं भी!
हैलो सारथी जी ,
हिन्दी के प्रति आप का सनर्पण काबिले-ए-तारिफ़ है. आप के महत्वपूर्ण कार्य में योग दे सकूँ ऐसी प्रबल इच्छा है. बताइए क्या करना होगा?.
सारथी जी बतायें क्या करना होगा…