जब से पोपटमल हुए
अंग्रेजी कम्पनी में चपरासी,
उनको नजर आती है तुच्छ,
हिन्दी, और हर चीज हिन्दुस्तानी.
बीबी को किया,
चुन्नीबाई से षूनी वाय,
छोरा अब मंगल से हो गया है
ट्यूस डे,
छोरी अब मुन्नी से हो गई है
बेबी.
अब नाश्ता नहीं, ब्रेकफास्ट,
खाना नहीं लंच एवं डिनर करते हैं.
दूरदर्शन त्याग दिया, अब सिर्फ
सी एन एन एवं बी बी सी देखते हैं.
बीडी नहीं सिगरेट, ताडी नहीं ब्रांडी
पीते हैं.
अंग्रेजी न पढी कभी तो क्या,
मदद के लिये खरीद लिया है
एक वृहद हिन्दी अंग्रेजी कोश.
तभी पधारे पडोस से
श्रीमान ढोलक दास एवं श्रीमती तानपुरा देवी.
चुन्नीबाई झट घुस गई
मेकप कक्ष में.
कहां है हमारी चुन्नी,
पूछा अतिथियों ने.
पोपटमल ने झट जांचा कि
प्रसाधन की अंग्रेजी क्या है.
वृहत कोश तो शब्द सागर था,
पर उनको चाहिये था सिर्फ
एक शब्द.
फुर्ती से चुना मेकप के लिये एक अंग्रेजी
शब्द, और बोले:
शूनी वाय चेहेरे पर कर
रही हैं “टायलट”
सटीक लिखा आपने!!
मस्त
बहुत बढ़िया !
घुघूती बासूती
सही है। काश हर चपरासी की ऐसी औकात हो जाये !
हा हा 🙂