पॉच जुलाई रिकॉर्ड 138 प्रविष्टियाँ: आजकल मेरा काफी समय चिट्ठों पर “नजर” रखने में बीतता है. केबल के द्वारा जाल एवं काफी शक्तिशाली संगणक होने के कारण अकसर दस जालस्थल एक साथ फायरफॉक्स मे खोल कर रखता हूं. एकाध इन्टरनेट एक्सप्लोरर में भी. कल काम में व्यस्त होने के कारण चिट्ठाजगत पर ठीक से नज़र न रख सका। सुबह उठते ही सबसे पहले खोला चिट्ठाजगत डॉटइन और चटकाया दैनिक सक्रियता की ५ जुलाई वाली कड़ी को। परिणाम देखते ही आँखे खुली रह गई, 138 प्रविष्टियाँ। वह भी एक दिन में इस नये खिलाडी के मैदान में। मुझे लगा कि सही कह रहा है चिट्ठाजगत कि “धड़ाधड़” छप रहे हैं चिट्ठे। 100 का आंकडा पूरा हुआ, अब अगला लक्ष्य क्या है। 500 ? 1000 ??
कल मैं ने इस जालस्थल के बारे में आप लोगों को काफी बातें बताई थीं, लेकिन मेरा अनुसंधान अभी खतम नहीं हुआ है. एक नई बात आज बताता हूं: इनकी ये दैनिक सक्रियता भी ज़बरदस्त जुगाड़ है, बस तारीख चुनो और जाओ उस दिन की प्रविष्टियों पर।आप भी देखें http://www.chitthajagat.in/?dinank=2007-07-05
इस नये आगंतुक के बारे में अपने प्रश्न मुझे भेजिये, जांचपडताल करूंगा एवं उत्तर यहां छाप दूंगा. कई एग्रीगेटरों के मैदान में आ जाने के कारण पाठको को मिलने वाली सुविधाओं में कई गुना बढोत्तरी की उम्मीद है — शास्त्री जे सी फिलिप
chitthajagat.in आज हिन्दी का सबसे अच्छा एग्रीगेटर है इसमे कोई शक नहीं. पर तारिख पर क्लीक करके उस दिन छपे चिट्ठों की जानकारी नारद भी देता है.
लेकिन चिट्ठाजगत.इन की सुविधाएँ बहुत अच्छी है. यह एग्रीगेटर लोकप्रिय होगा, बेशक.
5 जुलाई 2007 इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव है हिंदी ब्लॉगिंग में- एक दिन में 100 का आंकड़ा – :))
और हॉं नारद का स्कोर 78 था। यानि चिट्ठाजगत में 60 प्रविष्ठियॉं अधिक थीं। इस बात का एक और प्रमाण कि नारद से पंजीकरण की आवश्यकता को समाप्त किया जाना चाहिए ताकि वह इन प्रविष्टियों से वंचित न रहे।
सैकड़े की शुभ सूचना ब्रेक करने के लिए आपको बधाई
100 का आंकड़ा सचमुच जल्दी ही पार हो गया – उम्मीद से पहले. लगता है इस साल के खत्म होने से पहले एक दिन में 500 चिट्ठों का आंकड़ा जल्दी ही पार हो जाएगा.
रविजी आमीन