सफल चिट्ठाकारी की गारंटी

400px-P_writing हिन्दी चिट्ठाजगत में एक अल्पसंख्यक समूह है जिनको न तो टिप्पणी की जरूरत है, न ही वे दूसरों का पठन चाहते है. लेकिन बहुसंख्यक चिट्ठाकार टिप्पणी भी चाहते है, पाठक भी चाहते हैं, रचना का सुख भी चाहते हैं, प्रशंसा का भी. अत: पेश हैं उन के लिये कुछ सुझाव:

1. आपके शीर्षक में आकर्षण होना जरूरी है. “स्त्रियों के लिये यह नियम कठिन है” के बदले यदि आप स्त्रियों को बेदर्दी से अनावृत करते नियम शीर्षक देंगे तो चार से आठ गुने अधिका पाठक मिलेंगे. (मेरा पिछले 6 महीने का अनुभव)

2. यदि आप लेख/काव्य के लिये उचित एक चित्र जोड देंगे तो आपके पाठक कुछ लेख पढने के बाद अनजाने ही आपके चिट्ठे की तरफ खिचने लगेंगे. याद रखें, चित्र का विषयवस्तु के साथ स्पष्ट संबंध होना चाहिये. (मनोवैज्ञानिक तथ्य)

3. आपके सारे लेखों में लगभग 60% पाठकों के लिये तुरंत ही उपयोगी होना चाहिये, या उनके मतलब/दिलचस्पी का होना चाहिये. (मनोवैज्ञानिक तथ्य)

4. यदि आप किसी बात को 200 शब्दों में कह सकते हैं तो उसे 150 में कहने की कोशिश करें, न कि 2000 शब्दों मे. (जालजगत में किये गये अनुसंधानों पर आधारित).

5. जैसा आप चाहते हैं कि दूसरे लोग आपके साथ करें वैसा ही आप भी उनके साथ करें. मतलब उनके चिट्ठे पर जाये, पढें, अर्थपूर्ण टिप्पणी करें.

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चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: हिन्दी, हिन्दी-जगत, राजभाषा, विश्लेषण, सारथी, शास्त्री-फिलिप, hindi, hindi-world, Hindi-language,

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Author: Super_Admin

9 thoughts on “सफल चिट्ठाकारी की गारंटी

  1. वाजिब सलाह है। आपने सही कहा कि जैसा हम दूसरों से चाहते हैं, पहले वैसा खुद तो करके दिखाएं। लोग चाहते हैं कि दूसरे उनका पढ़े, टिप्पणी करें, लेकिन वे खुद दूसरों का पढ़ने की जहमत नहीं उठाते।

  2. जी आपने बहुत सही कहा है.. मैंने भी कुछ मनोविज्ञान को समझ लिया था शायद तभी मैं अपने सभी पोस्ट के साथ एक सार्थक चित्र लगाता रहा हूं.. 🙂
    अन्य चीजों पर भी मैं ध्यान देता रहूंगा.. धन्यवाद..

  3. सही!!
    सहमत!!
    पहले मै चित्र नही लगाता था लेकिन जब से चित्र लगाने शुरु किए हैं नतीजे अच्छे आए है साथ ही पाठकों द्वारा टिप्पणियों मे भी चित्र का उल्लेख किया जाने लगा है।

  4. अरे सारथी जी आप तो अपनी बात मत मानिये १५० शब्दों पर क्यू रुक गये। आगे लिखिये। थोडा और । अधूरा सा लग रहा है । इतने से तो हम लोग आधे अधूरे ही लिख पायेंगे। प्लीज़, सारथी जी रथ को आगे चलाइये\
    महेंद्र

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