मैं चाहता हूँ कि सारथी का हर लेख या तो लोगों को कुछ सिखाये, या उनको चिंतन के लिए प्रेरित करे. चिंतन की इस प्रक्रिया में यदि लोग मुझ से असहमत होते हैं तो मुझे कतई बुरा नहीं लगेगा क्योंकि चिंतन तभी हो पाता है जब व्यक्ति एक से अधिक पक्ष देखनेसुनने को तय्यार हो. मैं तय्यार हूँ एवं मित्रों की विरोधी टिप्पणियों से कोई परेशानी नहीं होती.
ईश्वर की ताबूत का आखिरी कील ! में मै ने कहा था कि डार्विन के सिद्धांत के लिये जो प्रमाण जुटाये गये थे वे एक एक करके लुप्त हो जा रहे हैं. कई मित्रों ने इस पर दिलचस्प प्रतिक्रियायें दी हैं.
- टिप्पणी: शायद इस चिट्ठी की बातें न तो प्रमाणिक हैं न ही ठीक। … विज्ञान और धर्म दो अलग अलग क्षेत्र की बातें हैं। मेरे विचार से दोनो को जोड़ना ठीक नहीं।… मैं agnostic हूं यदि मेरे विचारों से दुख पहुंचा तो क्षमा प्रार्थी हूं। उन्मुक्त
- उत्तर: उन्मुक्त जी, मेरा लेख सिर्फ एतिहासिक सारांश था. जब वैज्ञानिक चर्चा प्रस्तुत करूंगा तब आप प्रामाणिकता पर जरूर चर्चा करें. मैं ने धर्म एवं विज्ञान को जोडने की कोशिश नहीं की है बल्कि सिर्फ इतिहास का अवलोकन किया है. आप के agnostic नजरिये या आपकी टिप्पणी से मुझे कोई दुख या एतराज नहीं है. यदि मैं खुली चर्चा का पक्षधर न होता तो सारथी पर टिप्पणी करने की सुविधा खतम कर दी होती जिससे मैं अपना एकपक्षीय ढपली बजा सकता. मित्रगण खुल कर टिप्पणी करें, मुझे खुशी होगी. मेरा अज्ञान दूर होगा.
- टिप्पणी: मुझे यह भी डर था की आप देर सवेर अपने ब्लॉग पर डार्विन को घसीटेंगे जरूर और सच मानिए मेरा संशय सच साबित हो गया…. इस मुद्दे पर मैं आपसे दो दो हाथ करने को तैयार हूँ. आप कृपया यह बताये कि डार्विन के किस तथ्य को बाइबिल वादियों ने ग़लत ठहराया है ? एक एक कर कृपया बताएं ताकि इत्मीनान से उत्तर दिया जा सके. हिन्दी के चिट्ठाकार बंधू भी शायद गुमराह होने से बच सकें. Arvind
- उत्तर: दोस्त, मै घोर आस्तिक हूं अत: बीच बीच में इस विषय पर लिखूंगा. बल्कि मैं हर उस विषय (यौन शिक्षा, हिन्दी, व्यक्तित्व विकास, भारतीय संस्कृति, भारतीय समाज पर पश्चिम का बुरा प्रभाव, अदि) पर लिखूंगा जिन के बारे में मेरी ठोस राय है. संशय न करें. आपने टिप्पणी में कई बार बाईबिल का नाम लिया है. फिर से जांचें, मेरे लेख में बाईबिल का कोई हवाला नहीं दिया है. मैं इस चर्चा को वैज्ञानिक धरातल पर करना चाहता हूं. न ही मुझे बाईबिलवादियों से कुछ लेनादेना है. मैं एक वैज्ञानिक हूं अत: इस विषय पर चर्चा पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर ही करूंगा. चर्चा भी एक एक करके ही करेंगे जिससे आपको सुविधा हो एवं मैं अपने 200-शब्द सीमा के आसपास रह सकूं.
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अहा ,खूब मजा आयेगा जब डार्विन पर चर्चा होगी ,मैं तो बेताब हूँ ,मगर हूँ विज्ञान का एक अदना सा सेवक ही और डार्विन का मानस पुत्र .
बहुत दिनो से आपने डार्विन पर कोई लेख नहीं लिखा है.. आपके लेख के इंतजार में हूं..