पिछले दिनों उन्मुकत जी के चिट्ठे पर एक महत्वपूर्ण लेख आया है चित्र जोड़ना – यह ठीक नहीं. जब आप किसी अन्य के चिट्ठे पर स्थित चित्र को महज एक कडी द्वारा अपने लेख के साथ दिखाते हैं तो इसे चित्र-जोडना कहा जाता है. पहली बात यह प्रतिलिपि अधिकर का लंघन है एवं उन्मुक्त जी ने इस पहलू को बहुत अच्छी तरह से समझाया है अत: उस लेख को जरूर पढें.
चित्र जोडने पर एक समस्या और भी आती है. कोई भी चित्र या लेख सर्वर पर जगह घेरता है. जब वह किसी चिट्ठे/जालस्थल पर दर्शाया जाता है तो उस डाटा को प्रेषित करने के लिये सर्वर को कार्य करना पडता है. जैसे अधिक पानी के लिये बडे नल की जरूरत पडती है, उसी तरह अधिक डाटा को प्रेषित करने के लिये अधिक “बेंडविड्थ” की जरूरत पडती है. जब आप किसी अन्य के सर्वर पर स्थित चित्र अपने डोमेन पर दिखाते हैं तो चित्र संबंधी डेटा प्रेषित करने के लिये उसका बेंडविड्थ खर्च होता है, आपका नहीं. जिस तरह कई नलों से टपकता बूंद बूंद पानी क्रमश: टंकी खाली कर सकता है उसी तरह से कई लोग एक सर्वर पर स्थित एक या अनेक चित्र को अपने चिट्ठे पर दिखाते हैं तो चित्र वाले सर्वर के काफी सारे बेंडविड्थ को गैर लोग बिन अनुमति “खीच” लेते है.
इस तरह अनुमति बिना चित्र जोडना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह गैर व्यक्ति के बेंडविड्थ की “उठाईगिरी” भी है. यदि आप अनजाने किसी बडे कंपनी के सर्वर से चित्र “उठा” रहे हों तो यह आपको काफी परेशानी दे सकता है. अत: इस तरह की आदत से दूर रहना बेहतर है.
जाल पर चित्र के तमाम सारे मुफ्त स्त्रोत हैं जहा आप पब्लिक डोमेन के चित्र अपने चिट्ठे पर नकल/उपयोग कर सकते हैं. इनके बारे में मेरे अन्य लेखों में आपको विस्तृत सूचना देंगे.
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यह सब पढ़ कर इण्टरनेट की आचार सन्हिता स्पष्ट हो रही है। धन्यवाद।
दूसरे के चिट्ठे का चित्र अपने चिट्ठे पर कड़ी के साथ और बैंडविड्थ की चोरी!
दूसरे के बैंडविड्थ की चोरी कैसे हुई?
इस बात को कुछ और आसानी से समझाया जा सकता है क्या?
कल भी इस विषय पर पढ़ा था और आज आपको भी पढ़ा है काफ़ी संदेह मन मे उठ रहे है क्या किया जाय?
हम अगर पहले किसी चित्र को (इंटरनेट पर कंही से भी) अपने कंप्युटर पर कोपी करे फ़िर उसे अपनी पोस्ट पर चिपका दे तो क्या ये भी चोरी की श्रेणी मे आता है? कृपया स्पष्ट करें.
छोटे में लिखा हुआ आपका ये पोस्ट मुझे बहुत अच्छा और ज्ञानवर्धक लगा..
उन्मुक्त जी का वो लेख मैंने पूरा पढा है और उससे बहुत सारी नई जानकारियां भी उभर कर मेरे सामने आयी..
धन्यवाद..
अच्छी जानकारी – विशेषकर उनके लिए जो अनायास किसी को परेशान नहीं करना चाहते।
बाल किशन जी,
मेरी राय में किसी चित्र को (इंटरनेट पर कंही से भी) अपने कंप्यूटर पर कॉपी कर फिर उसे अपनी पोस्ट पर चिपका देने और चित्र का लिंक देने में कोई अन्तर नहीं है। यह दोनो गलत हैं यदि चित्र कॉपीराइट के अन्दर आता है। यह केवल उस परिस्थिति में किया जा सकता है जब वह चित्र कॉपीराइट के अन्दर न हो या फिर कॉपीराइटेड सामग्री का प्रयोग कानूनी तौर पर बिना अनुमति से किया जाना संभव है। यह मैंने अपनी चिट्ठी ‘मुजरिम उन्मुक्त, हाजिर हों’यहां चिट्ठी पर बताया है।
आपकी ब्लॉग पर हमेशा ही ज्ञानवर्धक बातें पढ़ने को मिलती है।
आभासी दुनिया के महासागर में हम चिट्ठाजगत के जहाज पर चढ़ तो गए हैं लेकिन इतने बड़े जहाज की तकनीकी सरंचना से हम बिल्कुल अनभिज्ञ हैं.