मेरे कल के लेख आजादी एक्सप्रेस — 1 में जो चित्र प्रदर्शनी चालू हुई थी उसका दूसरा भाग देखिये यहां. यदि आपका डायलप कनेक्शन है तो कृपया लोड होने के लिये 3 से 5 मिनिट इंतजार करें.
हिन्दी, हिन्दुस्तान, और ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का ब्लाग
मेरे कल के लेख आजादी एक्सप्रेस — 1 में जो चित्र प्रदर्शनी चालू हुई थी उसका दूसरा भाग देखिये यहां. यदि आपका डायलप कनेक्शन है तो कृपया लोड होने के लिये 3 से 5 मिनिट इंतजार करें.
सिर्फ हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है!
आईये राजभाषा का प्रचार-प्रसार तन मन धन से करें!
रोज हिन्दी अखबार पढें, हर महीने कम से कम एक हिन्दी पत्रिका पढें,
महीने में कम से कम एक हिन्दी पुस्तक जरुर खरीदें!
वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम्
मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्।
वन्दे मातरम्।
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥
चित्र बहुत अच्छे आये है।
वाकई ट्रेन के अंदर होने के बाद भी चित्र अच्छे आए हैं!
शुक्रिया
आजादी एक्सप्रेस अच्छा लगा.. बहुत दिनों के बाद आपके चिट्ठे पर कमेंट लिख रहा हूं इसके लिये क्षमाप्रार्थी हूं, दरअसल मैं कुछ दिनों से कुछ व्यस्त चल रहा था..
splendid !
बढिया चित्र हैं।
अत्यन्त प्रेरक !