जमीन, भैंसें और शिलिर-शिलिर परिवर्तन में ज्ञान जी ने रवि रतलामी के हनी, आई श्रंक द पिक्स… के हवाले चित्र छोटे करने की जरूरत पर रोशनी डाली थी. तब से मैं आज के इस लेख लेख पर जुगाली कर रहा था. दाना डालने के लिये इन दोनों मित्रों को आभार!!
चित्र — 1
क्या है चित्र साईज: “चित्र साईज” कई तरह से नापा/मापा जाता है. एक तो उनकी लम्बाई चौडाई से (पिक्सेल संख्या द्वारा) एवं एक उनके फाईल साईज द्वारा (किलोबाईट व मेगाबाईट में). लम्बाई चौडाई भी दो तरह की होती है — वास्तविक एवं आभासी. आभासी मतलब जो लम्बाईचौडाई जो आपको दिखाई जाती है.
चित्र — 2
उदाहरण के लिये देखिये चित्र 1. इसकी वास्तविक साईज 400 पिक्सेल है, एवं अभासी (जो दिख रहा है) वह साईज भी 400 पिक्सेल है. अब चित्र 2 देखें. यह वही 400 पिक्सेल चौडा चित्र ही है, लेकिन आपको 200 पिक्सेल का दिख रहा है (आभास हो रहा है). अब देखिये चित्र 3 को. यह वही मूल 400 पिक्सेल का चित्र है लेकिन आपको महज 100 पिक्सल चौडाई का दिखाया जा रहा है.
चित्र — 3
सवाल यह है कि इस तरह से सही साईज में या छोटे साईज में दिखाने का क्या फायदा है एवं क्या नुकसान है. इसे हम निम्न बिन्दुओं की सहायता से समझ सकते हैं
- चित्र का दिखने वाला साईज हमेशा लेख के साथ संतुलित होना चाहिये. यदि जरा सा लेख हो एवं चित्र उससे 4 गुना बडा हो तो आपकी साजसज्जा ठीक नहीं लगेगी. पाठक पर इसका बहुत प्रभाव पडता है.
- उदाहरण के लिये, इस लेख की लम्बाई एवं विषयवस्तु के हिसाब से (जिसमें महत्व चित्र में दिखाये व्यक्ति को नहीं दिया जाना है) चित्र 2 सही साईज का है (चित्र 3 इस लेख के लिये बहुत छोटा है, एवं चित्र 1 बहुत बडा है).
- यदि चित्र 2 या 3 में दिखाये गये साईज सही है तो चित्र 1 को लेकर जबर्दस्ती चित्र 2 या 3 के साईज में दिखाना समझदारी नहीं है. कारण यह है कि चित्र 1 लगभग 65 किलोबाईट का है. उसे चाहे 400 पिक्सेल के असली साईज में दिखाया जाये, या उसे जबर्दस्ती 100 पिक्सेल के आभासी साईज में दिखाया जाये दोनों ही अवस्था में उस चित्र को आपके संगणक पर उतारने के लिये 65 किलोबाईट डाटा की जरूरत पडती है.
- ऐसा करने के बदले यदि आपने किसी ग्राफिक तंत्र की सहायता से चित्र के वास्तविक साईज को ही छोटा कर दिया होता तो फाईल-साईज बहुत कम रह जाता.
- अत: एक बडे चित्र को अपने चिट्ठे पर लगाकर उसे वास्तविक साईज से छोटा दिखाने से आपका चिट्ठा जितने तेजी से लोड हो सकता था उसे आप धीमा कर रहे हैं.
- चिट्ठे को तेज रहने दें, चित्र कभी जरूरत से बडा न रखें.
- चित्र का वास्तविक साईज कम करके उसे हमेशा छोटे से छोटा बनायें.
याद रखें आज भी देशविदेश में बहुत से लोग धीमे डायलप कनेक्शन का प्रयोग करते हैं. कई लोग मोबाईल से जाल संपर्क करते हैं. अत: आप फाईल साईज जितना छोटा रखेंगे आपका चिट्ठा उनके संगणक पर उतने ही तेजी से प्रदर्शित होगा.
(इस परंपरा के दो लेख बचे हैं, जो कल एवं परसों छपेंगे, एवं आपको पूरी जानकारी इन तीनों को पढने से ही मिल पायगी, अत: इंतजार करें)
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मूल्यवान सुझाव है। मैं तो हमेशा ही लंबाई चौड़ाई के मामलो में गच्चा खा जाता था। अब ध्यान रखूंगा। धन्यवाद।
बड़ा अच्छा किया यह लेख प्रस्तुत कर। And you are looking really smart in the picture – in whichever pixel it is!
आगे के लेखों से ही संपूर्ण फंडा क्लीयर हो पायेगा, इंतजार है ।
संजीव
काम की जानकारी
ऐसा कैसे हु्आ कि 400 पिक्सेल के चित्र 200 या 100 पिक्सेल के रूप में भी दिखाई दे।
यह भी कैसे संभव हुआ कि 200 और 100 पिक्सेल के चित्र केवल ऐसे दिखाई देते हैं जबकि हैं दोनों ही वास्तव में 400 पिक्सेल हैं।
यह भी कैसे हुआ कि सभी का आकार 65 किलोबाइट ही रहा।
सही कह रहे हैं आप!!
फोटू मे एक्दमै धांसू लग रेले हो आप तो !
बढिया जानकारी है।
sir
thse days photos are misused and morphed . now with such nice and handsome photos you may land into problems !!!!!!!!!!!!!
शास्त्री जी, जानकारी अच्छी है साथ ही आपका चित्र भी. रचना जी , जितनी गम्भीर हैं उतना ही अच्छा शायद मज़ाक भी कर लेती हैं 🙂
आप तकनीकी लोगों का कुछ पता नहीं चलता….सच सच बताएं कि क्या ये भी संभव हे कि एक ही चित्र के अलग अलग अंश अलग पिक्सेल में हो, हमें तो शक है कि बाकि तस्वीर कम और आपकी मुस्कराहट जयादा पिक्सेल में हैं…सफाई दी जाए
— शास्त्री जे सी फिलिप
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