मेरी पसंद के चिट्ठे 003

सबसे पहले तो मैं अपने मित्रों से क्षमायाचना करता हूँ जो काफी आस के साथ इस लेखन परंपरा को पढ रहे थे. कुछ तकनीकी कारणों से लिखने छापने में परेशानी आ रही है, लेकिन उम्मीद है कि इस हफ्ते यह समस्या हल हो जायगी.

हिन्दी के प्रचार प्रसार के प्रति मेरे झुकाव के कारण मैं काफी समय चिट्ठों को पढने में एवं उन चिट्ठों के निरीक्षण में लगाता हूँ जिन को आद्योपांत पढने के लिये समय नहीं है, लेकिन जिन के बारे में मुझे यकीन है कि वे अपने क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं.

हिन्दी जाल पर कई युवा तुर्क हैं जिनको में नियमित पढता हूँ. इन में से तीन के बारे में मुझे कुछ कहना है.

Mahashakti

 

 

महाशक्ति  प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह देशभक्ति से ओतप्रोत हैं एवं हिन्दुस्तान के विरुद्ध कोई भी बात सहन नहीं कर पाते. मैं इनकी देशभक्ति का कायल हूँ. हां, कई बार इन से भाषा में चूक हो जाती है, लेकिन उमर के साथ वे और संतुलित तरीके से टीकाटिप्पणी एवं विमर्शन करना सीख जायेंगे. मेरी शुभकामनायें!

Vikash

 

 

I’m Vikash & this is my world…! विकास कुमार काफी उत्साह के साथ लिखते हैं एवं इनके लेखों में काफी ऊर्जा दिखती है. विकास यदि नियमित रूप से लिखने लगें एवं विविध विषयों पर लिखने के बदले कुछ और विषयकेंद्रित लिखें तो बहुत आगे पहुंच जायेंगे.

SunoBhai

सुनो भाई साधो…. कमलेश मदान अति उत्साही हैं एवं कुछ करना चाहते हैं. वे हिन्दी के लिये, हिन्दुस्तानी समाज के लिये, सब के लिये सब कुछ करना चाहते हैं. मेरे लिये वे एक अनुज हैं. उनकी लेखनी धीरे धीरे विषयकेंन्द्रित होती जा रही है जो की इस बात का लक्षण है कि वे जल्दी ही चिट्ठाजगत में काफी वजनी चिट्ठाकार माने जा सकते हैं.

इनको देख कर मुझे अकसर अपना बचपन याद आता है. मै बेहद क्रांतिकारी विचारक था. लेकिन मेरे गुरुजनों ने उस विचार को अनुशासित करके सही दिशा में उपयोग करना सिखाया — जिस तरह बांध की मदद से बाढ के पानी का उपयोग देश के लिये कल्याणकारी कामों के लिये किया जाता है. तीनों छोटे भाईयों को मेरा आशीर्वाद कि ईश्वर इसी प्रकार आप तीनों की लेखनी को सशक्त रखें.

विशेष नोट: इन लेखों में चिट्ठों का क्रम किसी भी प्रकार की वरीयता को नहीं दिखाता है. यह लेखन परंपरा लगभग 25 भागों में खतम होगी क्योंकि एक दिन सामान्यतया सिर्फ 3 चिट्ठों का परिचय होगा. इनका चित्र बनाने/स्थापित करने एवं विवरण लिखने में काफी समय लगता है.

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Author: Super_Admin

23 thoughts on “मेरी पसंद के चिट्ठे 003

  1. आप चिट्ठे पर लौटे। हमारा इंतजार समाप्त। कुछ ही तो चिट्ठे हैं जिन्हें देखना जरूरत लगने लगती है। पर तकनीकी समस्याए, पेशेगत व्यस्तताएं और स्वास्थ्य अवकाश लेता ही है। आप का तीनों चिट्ठों के बारे में विश्लेषण पसंद आया।

  2. आप सही कहते हैं – यंग टर्क्स में बहुत जोश है, बहुत सम्भावनायें और बहुत भविष्य।

  3. कमलेश मदान का ज़िक्र पहले नबर पर आना चाहिये था. मेरा ऐसा विचार है. वैसे शास्त्री जी ने काफी चुनौतीपूर्ण कार्य हाथ में लिया है. चर्चा करने वालों और जिनकी चर्चा की जा रही है, सभी को मेरी दिली शुभकामनायें.

  4. उम्‍मीद है कि आपकी समस्‍या अब सुलझ गई होगी. यह जानकर निराशा हुई कि मेरा चिट्ठा आपके पसंद वाले चिट्ठों में नहीं है.

  5. लेकिन मैं सारथी को पढ़ता हूं क्‍योंकि मेरी पसंद इससे प्रभावित नहीं होती कि कोई मुझे पढ़ता है या नहीं.

  6. आप अपनी अनुपस्थिति मे भी मनों मे उपस्थित रहे …अब चल पडा है रथ …नए चिठाकोरों से परिचय कराने के लिए धन्यवाद

  7. खुशी है कि सारथी का रथ चल पड़ा, ब्लोगजगत में तुर्कों का हमला अच्छा लगा इनका विश्लेषण भी।

  8. आपने रास्ता दिखाया है .इन युवा चिट्ठाकारों का उत्साहवर्धन भी होगा और दिशा भी मिलेगी .

  9. इसी तरह आप अपनी पसंद से लोगों को अवगत कराते रहे। नए लोगों को प्रोत्साहित करते रहे।

  10. मेरे चिट्ठे का जिक्र करने के लिये धन्यवाद. आप जैसे लोगों का आशीर्वाद ही है जो मुझे लिखने की प्रेरणा देता है.

  11. आदरर्णीय श्री सारथी जी,

    आपके द्वारा प्रशंसा रूपी आशीर्वाद को पाकर मै आपने आपको धन्‍यमान रहा हूँ। आशा और विश्वास है कि आगे भी आपका आशीर्वाद मिलता रहेगा।

    आपकी यह पोस्‍ट में मेरा उल्‍लेख को पढ़कर मुझे अति प्रसन्‍नता हुई क्‍योकि मेरी चिट्टाकारी ऐसी नही है कि मुझे समाचार पत्रों या पत्रिकाओं में कोई स्‍थान मिलें इसलिये कभी इन जगहो पर न होने पर कोई निराशा भी नही हुई क्‍योकि मेरे पाठक की सम्‍पादक है और उनका ब्‍लाग ही समाचार पत्र। निश्चित रूपसे आपके द्वारा यह सम्‍मान मेरे लिये गर्व की बात है।

    आज आपने तो त्रुटियॉं बताई है वह जल्‍दीबाजी के कारण होती है मै इन्‍हे दूर करने की पूर्ण कोशिश करूँगा।

    आपका
    प्रिय प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह

  12. बहुत बढ़िया श्रंखला चल रही है। शास्त्रीजी ने पच्चीस कड़ियों की घोषणा की है। इस हिसाब से पिचहत्तर बंधु ब्लागर इसमें समा जाएंगे। किसी को अभी से निऱाश होने की ज़रूरत नहीं है। और जो इस पसंद में शामिल हैं उन्हें बधाई।

  13. शुक्र है तकनीकी समस्या खत्म हुई और आप अपने विश्लेषण का गुलदस्ता लेकर आए। बहुत ही रुचिकर श्रृंखला है। हमेशा इस बात की उत्सुकता बनी रहेगी कि कौन शुमार होगा आपके पसंदीदा चिट्ठों में। आपकी सूची में स्थान पाने वाले चिट्ठाकारों को बधाई।

  14. लम्बे सफर के बाद पुरानी दिनचर्या में लौटते ही पढ़ने का काम शुरु किया..उम्मीद है कि तकनीकी समस्या हल हो चुकी होगी.. तीनों चिटठाकारों को बधाई जिन्हें आपसे तारीफ मिली… आगे की कड़ियों का इंतज़ार है..

  15. इनमें से दो के ब्लोग से मैं परिचित हूँ तीसरे के बारे में बताने के लिए धन्यवाद, अगली कड़ी का इंतजार है

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