मित्रों, परामर्श के लिये आपके प्रश्न भेजने के लिये आभार! परामर्श की पहली किश्त नीचे दी गई है:
प्रश्न: घर में हम सब लोग विभिन्न प्रकार के टीवी कार्यक्रमों के शौकीन है, अत: केबल कनेक्शन ले रखा है. लेकिन जबसे हमने यह किया है तबसे बडे बेटे के नम्बर कम होने लगे हैं एवं वह शिकायत करता है कि केबल के कारण उसकी पढाई खराब हो रही है. हमें क्या करना चाहिये.
अच्छे भले बच्चों की पढाई एकदम बिगड जाना आजकल एक आम बात है, लेकिन अधिकतर बच्चे एवं उनके मांबाप इसका कारण नहीं ढूढ पाते है. इस कारण समस्या हल नहीं हो पाती है. ईश्वर का शुक्र है कि कम से कम आपका बेटा अपनी पढाई बिगडने का कारण पहचानता है एवं उसका हल आपसे मांग रहा है. अपसोस यह है कि उसकी स्पष्टवादिता के बावजूद आप ने केबल नहीं कटवाया है एवं किसी अन्य तरह का हल पाना चाहते हैं.
आग बुझानी है तो ईंधन हटाना पडेगा, आक्सीजन काटना पडेगा. आप तुरंत ही केबल कटवा दें. आपका बच्चा अब सिर्फ एक या दो साल आपके साथ है. इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिये कालेज या हॉस्टल चला जायागा. इन दो सालों तक टीवी न देखने से आपको कोई नुक्सान न होगा. लेकिन यदि आपने ऐसा न किया तो बच्चे की पढाई बरबाद हो जायगी एवं आप जीवन भर उसके लिये पछताते रहेंगे. अपने पैर आप कुल्हाडी न मारें. आज ही अपने बेटे के हित के लिये केबल कटवा दें.
परामर्श के लिये कृपया अपने प्रश्न बिना नाम एवं परिचय के इस चिट्ठे के दाईं ओर दिये गये फार्म द्वारा सारथी को भेजें!!
ये बात ठीक है, परन्तु ये तो बड़े बेटे का कहना है कि केबल से उसके अंक कम हुए है.. केबल बेशक कटावाये पर ये भी पता करें की क्या केबल ही मुल कारण है?
शास्त्री जी,
माफ़ी, परामर्श पर और परामर्श दे दिया, आपको उचित ना लगे तो कृपया इस टिप्प्णी को मोडरेट कर दें..
कुछ दिन केबल हटी रहेगी तो अन्य कारण हुए तो वे भी सामने आ जाएंगे।
दिनेश जी ने सही जवाब दिया है.
हमारे घर में बचपन में केबल था (उस जमाने में जब केबल वाले वीसीआर से फ़िल्में दिखाते थे) लेकिन जैसे ही हम लोग ७-८वीं कक्षा में पंहुचे केबल हटा दिया गया । दोबारा केबल लगा जब मेरी छोटी बहन (घर में सबसे छोटी) १२वीं पास करके कालेज जाने लगी ।
आज हमारे घर का हर सदस्य उस निर्णय की दूरदर्शिता की दाद देता है ।
दूसरी बात हमारे समय(मैने १२ वीं कक्षा आज से १० वर्ष पहले पास की थी ) में पढाई से भटकने के कम ही कारण थे, घरवाले भी पूरी नजर रखते थे । आज इंटरनेट, मोबाईल पहले ही बच्चों का ध्यान भटका रहे हैं, ऐसे में केबल हटाना ही उचित होगा ।
मुझे बडी कोफ़्त हुयी थी जब मेरे पडौसी की ७वीं कक्षा में पढ रही बेटी ने जिद करके मोबाईल मांगा और उसके माता पिता ने थोडी न नुकुर के बाद दिलवा भी दिया । जिस समय उस लडकी की माताजी हमारे घर में बैठकर उसके पढाई पर ध्यान न देने की बात कर रही थीं ठीक उसी समय वो बगल में बैठकर मोबाईल से एस.एम.एस. भेज रही थी ।
केबल वाकई में एक बड़ा कारण है बर्बादी का…..ये एक नशा है जिसे लगता है वही जानता है
सार्थक…समाधान मूलक
उपयोगी और व्यवहार्य.
==================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
हमारा एक ही बेटा है १२वीं तक वह हमारे साथ रहा फिर आईआईटी कानपुर चला गया। जब तक वह हमारे साथ रहा हमने केबल टीवी नहीं लगवाया। यह काम उसके आईआईटी जाने के बाद किया।
पिछले कुछ सालों से हमने पुनः केबल टीवी हटवा दिया। इस समय हमारे पास केवल दूरददर्शन की सैटेलाइट है जो मुख्यतः दूरददर्शन के प्रोग्राम दिखाती है। यह करने का मुख्य कारण यही था कि हम टीवी के प्रोग्रामों में उलझना/ भटकना नहीं चाहते हैं।
मेरे विचार से तो सिर्फ केबल टीवी को दोषी ठहराना सही नहीं होगा.
केबल पूरी तरह कटवाने के बजाय उसके नियंत्रित प्रयोग के तरीके भी अपनाये जा सकते हैं। चैनेल लॉक की सुविधा भी है। बहुत से चैनेल अच्छे कार्यक्रम भी देते हैं जैसे: बीबीसी, डिस्कवरी, जियोग्रफिक, दूरदर्शन-इण्डिया, डीडी-भारती, एनडीटीवी-इण्डिया आदि। बाहरी दुनिया से एकदम कट कर रहना भी ठीक नहीं है।