हिन्दी चिट्ठों कि विविधता लगातर बढती जा रही है. इतना ही नहीं, उत्कृष्ट सामग्री भी बडती जा रही है. इन में से चुने हुए पांच नये चिट्ठों से उद्धरण लेकर हम आपका परिचय करवाते हैं पांच नये एवं उत्कृष्ट चिट्ठों से:
***** नारी का रूप माँ के रूप में सबसे महान है इसी रूप में वो स्नेह , वात्सलय , ममता मॆं सब उँचाइयों को छू लेती है | उसके सभी दुख अपने बच्चे की एक मुस्कान देख के दूर हो जाते हैं! (माँ जैसा कोई नही होता … )
***** अक्सर विदेशी नस्ल के कुत्तों को हम नाम दे के बुलाते हैं – जैसे अल्शेशियन, डाबर मैंन और जर्मन शेफ्फार्ड इत्यादि कुत्तों के अलग – अलग नाम होते हैं, पर अपने यहाँ अपने वतन में जन्मे कुत्ते का कोई नाम नहीं होता है – कोई पूछता है – भाई कौन सा कुत्ता है तुम्हारे घर पे, और मैं बगलें झांकते हुए दांत निपोर के कहता हूँ, जी बस यूँ ही ‘देशी’ हैं. (देशी)
***** यमुना की बाढ़ दिल्ली के लिए मुसीबत बनने की बजाय मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। गुजरात और कुछ लैटिन अमेरिकी देशों का सबक दिल्ली के लिए फायदेमंद हो सकता है। दिल्ली के चारों ओर एक नहर बनाकर बाढ़ के पानी को रीचार्ज किया जाए तो राजधानी की धरती पानी से मालामाल हो जाएगी। (मुसीबत नहीं, मुनाफे की बाढ़)
***** संस्कृत को पुराना गौरव वापस मिल गया तो भारतीय संस्कृति की जडें और मजबूत होंगी । साथ ही भारतीय संस्कृति को दुनिया में और विस्तार मिलेगा । (संस्कृत को समृद्ध नहीं करेंगे तो संस्कृति कैसे बचेगी?)
***** किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कर समाज में भ्रामक प्रचार करना कहां तक जायज़ है ? चिंता इस बात की भी है कि बाज़ार का गुणा – भाग कहीं लोगों की ज़िंदगी का गणित ना बिगाड दे …। (बाज़ार का गणित)
कम से कम दो वाक्य टिपिया कर इन नये चिट्ठों को प्रोत्साहित करें. हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाजगत में विकास तभी आयगा जब हम एक परिवार के रूप में कार्य करें. अत: कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर अन्य चिट्ठाकारों को जरूर प्रोत्साहित करें!!
(शीर्षक पर क्लिक करने पर टिप्पणी-पट आपके समक्ष आ जायगा)
chune huey sabhi sathi lekhako ko hardid badhaiyan!
यह आपने बहुत अच्छा कार्य शुरू किया है शास्त्री जी ! सबसे अधिक नए चिट्ठेकारों को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन की सबसे अधिक आवश्यकता नवागंतुकों को ही होती है ! प्रतिभाशाली लेखनी को अगर शुरुआत में ही प्रोत्साहन मिले तो समाज का बड़ा भला होगा !
एक अच्छी शुरुआत के लिए बधाई !
नये ब्लोगरों की जानकारी के लिए आभार।
मैं सारे चिट्ठों पर गया. बहुत अच्छी शुरुआत है. इन की और ध्यान दिलाने के लिए आप का धन्यवाद. अपनी टिप्पणियां भी चिपका आया हूँ.
बहुत अच्छा कार्य !!साधुवाद!!
इन दिनों कुछ व्यस्तता के कारण चिट्ठों पर आवाजाही कम है। वैसे भी मैं चिट्ठे और लेखक न देख कर शीर्षक पर अधिक ध्यान देता हूँ।
सारथी जी,
आपका बहुत – बहुत शुक्रिया मेरी हौसला-आफजाई के लिए. धन्यवाद, आपने मेरे पोस्ट को यहाँ उधृत किया है.
नीरज