हिन्दी चिट्ठाजगत में सर्वव्याप्त ब्लागेरिया के कारण मुझे 10 दिनों के लिये कर्नाटका के जंगलों में वास का आदेश हुआ था. इसके कई परिणाम हुए:
1. ब्लागेरिया से कुछ आराम मिला, लेकिन वापस आने पर बीमारी पुन: आरंभ हो गई है. अब तो खुदा ही मालिक है.
2. सात साल पहले लिये गये अपने छायाचित्र से मुक्ति मिली. मेरे पुत्र ने मेरा एक स्वाभाविक चित्र खीचा जिस में मैं “आज का मैं” लगता हूँ. मुस्कराहट बची है, उमर आगे खिसक गई है. इस चित्र को काट छांट कर हर जगह चिपका दिया है जिससे कि आपको पता चले कि उमर कितनी बढ गई है.
3. मेरे पुत्र जी इस चित्र की मूल कापी पर आज रात कार्य करेंगे, लेकिन मैं ने उसके पहले से ही एक प्रति बना कर सुरक्षित कर ली है. डर है कि पुत्र महाशय ने ताऊ जी का चित्र देख लिया तो कहीं काटपीट कर इसे भी वैसा न बना दें. (यदि बना दिया तो ताऊ जी को भेज देंगे और इस चित्र को यहां बना रहने देंगे).
4. इस बीच ताऊ जी ने सारे चिट्ठाकारों को ऐसा “खींच” लिया है कि बाकी चिट्ठाकार भी अब कर्नाटका के जंगलों में भटकते नजर आयेंगे – क्योंकि सारे पाठक तो ताऊ जी के चिट्ठे पर जमे हुए हैं.
5. ताऊ जी में कितना दम है यह उनको मिलने वाली टिप्पणियों से लग गया है. अत: मैं तो चुपचाप उनका हुक्का पुन: भरने जा रहा हूँ. शायद उनका दिल पसीज जाये और एकाध “पुरस्कार” किसी न किसी बहाने मेरे खाते में डाल देंगे!! (बोलो ताउ क्या कहते हो?).
अब: जरा कुछ गंभीर बात हो जाये!
हिन्दुस्तान को एक जनतंत्र बने लगभग 60 साल होने को आ रहा है. आईये इस बात की खुशी मनायें एवं इसे 75 साल की उमर तक पहुंचने पहले हिन्दुस्तान को दुनियां की एक आर्थिक, सामाजिक, सामरिक महशक्ति बनाने के लिये तन मन धन से जुट जायें. सिर्फ हिन्दी का प्रचार-प्रसार ही इस कार्य की नीव के रूप में कार्य कर सकती है, अत: इस साल कम से कम 12 लोगों को हिन्दी चिट्ठाकारी करने के लिये प्रोत्साहित करें. सन 2025 तक हिन्दी में 10,00000 चिट्ठे हो जायें इस के लिये कोशिश करें!!
नए फोटू में चिंता की लकीरें गायब हैं . पहले वाले में कहीं कहीं नज़र आती थीं .
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !
टेस्टिंग १-२-३-४
इस तस्वीर की बात जुदा-बेहतरीन बधाई लिजिये जी. 🙂
आप वापस आये-ब्लॉगजगत में जान लौट आई. अब जारी हो जाईये अपने प्रण में. हम सब मिल कर देखेंगे सपना साकार होता-१०,००,००० चिट्ठों वाला.
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें बाकि फोटू देख के तो यही कहा जा सकता है – ६० साल के बूढ़े या ६० साल के जवान
बधाई नई फोटू के लिये..
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाऐं
नए चित्र में एकदम क्यूट लग रहे हैं आप।
ब्लॉगेरिया की यह बीमारी आपको सदा लगी रहे… न सिर्फ़ लगी रहे बल्कि तीव्र भी हो जाये… यही कामना(शुभ) है… 🙂
इसे 75 साल की उमर तक पहुंचने पहले हिन्दुस्तान को दुनियां की एक आर्थिक, सामाजिक, सामरिक महशक्ति बनाने के लिये तन मन धन से जुट जायें.
इंशा अल्लाह, ऐसा ही हो!
आपको, आपके परिवार एवं मित्रों को भी गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई! वंदे मातरम!
जहाँ तक बढ़ती उम्र का सवाल है, भगवान् उम्र बढाता है तो अनुभव भी बढाता ही है!
फोटो तो धाँसू है कम से कम १० वर्ष उम्र कम लग रही है -ताऊ के बारे में मैंने क्या खा था ?
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऎं, और घणी रामराम.
आज आपने हुक्का भरकर यानि प्रसंशा करके, मुझे फ़िर से अपनी जिम्मेदारी का एहसास करा दिया. दरअसल इस पहेली को उद्देष्य बना कर जो काम आपने शुरु करवाया है, और जो सहयोग साथी ब्लागर्स का मिल रहा है तो इस सफ़लता के हकदार भी आप लोग ही हैं.
मैं तो बस एक खासियत रखता हूं कि जीवन मे कोई भी काम जब तक करता हूं तब तक पुर्ण तन्मयता से करता हूं. और इसे भी वैसे ही कर रहा हूं.
आपके आदेश से १० टिपणियों का नियम लिया था, अब इस छूआछुत के रोग को फ़ैलाने का भी नियम ले रहे हैं. 🙂
वैसे आप इस फ़ोटू मे ज्यादा जवान लग रहे हैं, ये हुक्का नही भर रहा हूं, सही कह रहा हूं.
रामराम.
बहुत सुंदर…. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं…!
स्वतंत्र भारत की बड़ी उपलब्धी लोकतंत्र है, बधाई व शुभकामनाएं.
आपका स्वागत है। कर्नाटक में कहाँ वनवास पूरा किया?
गणतन्त्र दिवस की आपको भी शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती
इतने दिनों बाद आपको देखना अच्छा लगा..
वैसे ताऊ का हुक्का भरने के लिए भी भारी कोंम्पटीशन है.. हम भी लाइन में हैं.. 🙂
हिन्दुस्तान को एक जनतंत्र बने लगभग 60 साल होने को आ रहा है. आईये इस बात की खुशी मनायें एवं इसे 75 साल की उमर तक पहुंचने पहले हिन्दुस्तान को दुनियां की एक आर्थिक, सामाजिक, सामरिक महशक्ति बनाने के लिये तन मन धन से जुट जायें.’
आमीन
आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर. हमारा गणतंत्र अमर राहे. लगता है पुनः संविधान सभा बुलवानी पड़ेगी.
ap laut aye yeh khuda ki kudarat hai
kabhi apka blog,kabhi naya foto dekhte hain!
हमारे ब्लोगिग ससार मे नये रग-रुप मे पुनः लोटने पर मै ब्लोगेरिया से पीडित समुह की तरफ से आपका हार्दिक स्वागत करता हु।
आपके मगलमय ब्लोगिग सफर की कामना करता हु। आपके ताऊजी, समीरजी,भाटियाजी,ज्ञानदत्त पाण्डेय, फुरसतियाजी, संजय बेंगाणी अरविन्दजी मिश्रा, सहित अन्य महिला चिट्ठाकारो के नेतृत्व मे ब्लोगेरिया नामक रोग दिन दुगनी, रात सोगुनी तरिके से देश भर मे फैले, और आपके ७५ वे बसन्त पर १० लाख हिन्दिस्थान ब्लोगेरिया पेसेन्टो कि एक फोज तेयार हो! २०२५ मे आप सभी को “हिन्दिस्थान ब्लोगेरिया” का भिष्मपितामहा मान लिया जाये तो कोई अतिशियोक्ती नही। ताऊ ने तो प्रतिज्ञा भी ले ली है कि वो आपके इस सपने को साकार रुप देगे। मै और राजीव तो आपके सग है ही, ताऊ कि उगली पकडने का यह मोका हाथ से हम भी नही जाने देगे। २0२५ मे ताऊ तो १०० साल का हो जायेगा ? तब उनकि भैस को चराने हम लोग ही लेकर जायेगे।
गुरुजी! गॉव मे ऐसी चर्चा है कि आप ब्लोगेरिया से निजात पाने के लिये छुपके से जब कर्नाटक के धने जगलो मे वीर अप्प्न कि विराजत पर कब्जा करने गये थे तब वहॉ ताऊजी भी इसी चक्कर मे कर्नाटक के बिहडो मे धुनी जमाये बैठे थे ? जगल मे विर अपन्न के साथियो ने अपने होने वाले नये नवले लिडर का फोटु सेसन किया, क्या यह वो ही फोटु है ? यह फोटु देख मुझे भी अपना बच्चपन याद आ गया।
मगलभावना सहीत-
(क्षमा-व्यग के लिये)
ब्लॉगेरिया – अच्छा शब्द क्वाइन किया जी!
आपकी कमी खलती रही। अनुपस्थिति के संस्माण उपलब्ध कराइएगा।
हिन्दी में लिखने वालों की बाढ आई हुई है। आपकी मनोकामना 2025 से पहले ही पूरी कर देंगे भाई लोग।