दिनेशराय द्विवेदी को हिन्दी चिट्ठाजगत में कौन नहीं पहचानता है!! उनके आलेख तो लोगों को ऐसे आकर्षित करते हैं जैसे शहद का प्रवाह हो रहा हो! उन्होंने जो अलख जगा रखी है उस से हर कोई कमोबेश लाभान्वित हुआ है.
“तीसरा खंबा” में उनके आलेख क्या आप अपने लिए एक काम करेंगे? को पढते ही मुझे लगा कि सारथी के वे पाठक जिन्होंने उनका कानून-संबंधी चिट्ठा “तीसरा खंबा” अभी तक नही देखा है वे एक बहुत उपयोगी ज्ञानस्रोत से वंचित हैं. हां, यदि कुछ हल्कीफुल्की शैली में गंभीर विषय पढना हो तो दिनेश जी के पिटारे में अनवरत नामक एक और बिलाग है जिस पर बडे ही तंतरभरे शब्दों में उन्होंने जनतंतर की कथा बांची है. (एक वेताल मुझे भी मिल जाता तो मेरी भी मेहनत खतम हो गई होती. अनुमान है कि अनवरत का सहाई-वेताल आजकल उनके सारे काम कर देता है और वे आराम फर्मा रहे हैं).
तीसरा खंभा चिट्ठे के द्वारा दिनेश जी भारत के न्यायकानूनों एवं न्यायालयों से संबंधित जरूरी जानकारियां देते हैं. इसके द्वारा वे लोगों को जागृत करने, उनको उनके अधिकार समझाने, और इन सब के फलस्वरूप भारतीय न्यायकानून व्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाने के लिये एक और योगदान करने का कार्य करते हैं. दिनेश जी जटिल विषयों को ऐसी शैली में प्रस्तुत करते हैं कि पढने वाले को लगता है कि वह कोई कहानी सुन रहा हो. आलेख के खतम होने के बाद एकदम याद आता है कि यह एक कठिन विषय की एकदम सरल प्रस्तुति है.
किसी भी देश की जनता को सशक्त बनाने के लिये यह जरूरी है कि उनको उनके हक बताये जायें और उनको सोचने के लिये प्रेरित किया जाये. दिनेश जी ये दोनों कार्य अपने चिट्ठे के द्वारा कर रहे हैं, और उसके साथ साथ पाठकों की शंकाओं का समाधान कर कई लोगों की मदद कर रहे हैं. इस निस्वार्थ देश-सेवा के लिये समर्पित इस सच्चे भारतपुत्र को मेरा अनुमोदन और अभिवादन!!
उनके चिट्ठे को आज ही बुकमार्क करना न भूले. प्रस्तुत है तीसरा खंबा !!
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दिनेश जी के चिट्ठे तो न जाने कब से बुकमार्क हैं । दिनेश जी चिट्ठाजगत के अनन्य प्रिय चिट्ठाकारों में से एक हैं । आभार उनका अपेक्षित परिचय देने के लिये ।
आप का आभारी हूँ, जो आप इतना मान देते हैं।
सचमुच दिनेश जी का लगातार लिखना और उनको पढ़ना सुखद लगाता है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
दिनेश जी को बुकमार्क क्या करें-वो तो हमारा होम पेज हैं जी.
साधुवाद उनको और आपको.
इसके अतिरिक्त दिनेश जी सबको टिप्पणी दे कर प्रोत्साहित भी करते रहते हैं।
शास्त्री जी
एक और दिनेश से मिलवाने का शुक्रिया ।
दिनेश जी मेरे प्रिय ब्लॉगर हैं
दिनेशजी कट्टरपंथियों से सबसे ज्यादा गाली खाने वालों में भी हैं। दिनेशजी की जय हो!
शाश्त्रीजी हम दिनेश जी को क्या बुकमार्क करें? हम तो उनकी गलियों मे ही घूमते हैं.
रामराम.
विधि विधान की विधाओं पर बड़े ही विधिवत ज्ञान बांटते हैं. हम तो लाभान्वित हो रहे हैं
दिनेशराय द्विवेदी जी सबके दोसत है।
जनतंतर कथा का नियमित श्रोता मैं भी हूं।
फेवरिट हैं जी
काफी दिनों से पढते आ रहे हैं उनको!
द्विवेदी जी से तो इस ब्लागजगत के माध्यम से हम भी भली भांती परिचित है,किन्तु कभी इन्हे पढने का अवसर नहीं मिल पाया.
दिनेश जी की बहुत बड़ी फेन मैं भी हूँ ..और उनके ब्लाग बुकमार्क किये हुए हैं ..वह जितना अच्छा लिखते हैं उतने ही अच्छे दिल के मालिक हैं ..
द्विवेदी जी अच्छे वरिष्ठ कलमकार है मै भी उनका फैन हूँ . तीसरा खंम्बा और अनवरत ब्लॉग पठनीय है .
दिनेश जी को हार्दिक शुभकामनाये और धन्यवाद पाठकों को इतना कुछ देने के लिए..
आप ने सच लिखा, अब हम बाकी क्या कहे , बस आप का धन्यवाद को ही कहे गे कि आप ने हमारे प्रिय ब्लांगर मित्र के बारे इतना लिखा.
धन्यवाद
Ji sahi kaha aapne..
शास्त्री जी, आज की प्रविष्टी से १००% सहमत –
– लावण्या
बिलकुल सही लिखा है आप ने आज.
Dinesh ji अपनी व्यस्तता के बावजूद पाठकों की कानून सम्बन्धी जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए वह हमेशा तत्पर रहते हैं.उनकी यह बात सराहनीय है.
उनके ब्लॉग ‘तीसरा खम्बा ‘का जिक्र समाचार पत्रों में भी हो चुका है.
शुभकामनायें.
उनके दूसरे ब्लॉग का लिंक देने हेतु आप को धन्यवाद.
बहुत ही सामयिक और उपयोगी आलेखों के माध्यम से दिनेश जी एक बहुत ही जनहितकारी कार्य कर रहे हैं। उन्हें अभिवादन और साधुवाद।
लगता है एक दिन हमें लेटलतीफों की श्रेणी में रख दिया जायेगा 🙂
हमने बुकमार्क भी नहीं किया हुया, न ही होमपेज बना रखा है द्विवेदी जी के ब्लॉगों को। हम तो बस चल कर जाया करते हैं इन तीर्थस्थानों तक।