Category: काव्य अवलोकन
उस आधी रात को
सजीव ने सारथी, आजादी नाम से एक कविता की रचना स्वतंत्रता दिवस 2007 के लिये की थी. कविता का विषय हिन्दुस्तानियों के लिये कालजयी है अत: उस कविता को हम प्रस्तुत कर रहे हैं सारथी के प्रबुद्ध पाठकों के लिये: उस आधी रात को, एक जगी हुई कॉम ने, उतार फेंकी गुलामी की घंटियाँ, अपने गले से, और काट डाली,…
अरे दोस्तों
अरे दोस्तों, यह क्या कह दिया जिनकी, की हमने तारीफें, आपको भी वो पसन्द आये, वो तो तारीफे काबिल हैं पर मेरी क्यों तारीफें हैं, क्यों मुझसे उम्मीदें हैं, मुझको अनजान ही रहने दो. कह दो उनसे, यह सब धोखा है, तारीफों से अगर, यूँ शायर बनते, पैदाइशी सब शायर होते, शायरी को कौन पूछता, सब तरफ सब शायर होते,…
प्रोत्साहन ही लिखने वाले का ईधन होता है
come-ant कम-आन्ट शीर्षक कविता में यतीश जैन ने चिट्ठाजगत की एक सच्चाई को प्रस्तुत किया है जिसे कई लोग नकारने की कोशिश करते हैं. सवाल यह है कि क्या टिप्पणी-प्रोत्साहन के बिना चिट्ठाकार पूरे उत्साह के साथ आगे जा सकता है? मेरा उत्तर है कि अधिकतर चिट्ठाकार आगे नहीं जा सकते हैं. अत: यह कविता बांचिये, दो चार शब्द में…
होता है जिस समाज में आदर खलनायक का
रचना सिंह ने कल अपने चिट्ठे सामाजिक अपराधों पर एक मार्मिक कविता आज के ताज़ा समाचार, नापुंसको की बस्ती से पोस्ट की जिसकी आखिरी पंक्तियां है: “आज के लिये इतना ही और सुनने की ताकत नहीं” सवाल यह है कि क्यों समाज के बाकी लोग नपुंसक हैं. इसका उत्तर उन्होंने नहीं दिया है, लेकिन मै उत्तर काव्य रूप में दे…
सपना एक निराला है
अगर हमारे रचित काव्य से, तुमको कुछ आराम मिलेगायकीं जानिये इस लेखन को, तब ही कुछ आयाम मिलेगा.भटकों को जो राह दिखाये, ऐसी इक जब डगर बनेगीदुर्गति की इस तेज गति को, तब जाकर विराम मिलेगा.इसी पाठ की अलख जगाने, हमने यह लिख डाला हैपूर्ण सुरक्षित हो हर इक जन, सपना एक निराला है.भूख, गरीबी और बीमारी, कैसे सबको पकड़…
सारथी: काव्य अवलोकन 9
प्रस्तुत है आपको चिंतनमनन के लिये प्रेरित करने के लिये पांच चुने हुए फूल. इन रचनाकरों के चिट्ठों पर जाकर पूरी माला को देखना न भूलें. टिप्पना न भूलें कि सारथी ने आपको वहां तक पहुंचाया !! वैलेंटाइन डे का, सेलीब्रेशन था इक होटल में, बाहर श्यामू रोटी ढूँढ़े, अपनी रधिया की खातिर ! [पूरी कविता पढें …] यकायक तब…
ये वादा है — सारथी काव्य विश्लेषण – 1
लीजिये, चर्चा के बाद अब कविता का सन्दर्भ सहित विश्लेषण प्रस्तुत है: तुमने कहा “नहीं छोडूंगा मै उसे ये मेरा फैसला है क्योकि शायद मै उसे तुम से ज्यादा प्यार करता हूँ “
सारथी सन्दर्भ 4
त्रासदी का समर है…ऐ “परमात्मा” !!! कौन है जो अकाल मृत्यु, बाढ, आकाल, भूकंप, एवं इस तरह की प्राकृतिक विपदाओं को देख कर चुप रह सकता है. हां, इतना जरूर है कि अलग अलग लोग भिन्न तरीके से प्रभावित होते हैं. कुछ के लिये ये सिर्फ कुछ और आंकडे मात्र हैं जिन पर आज वे कुछ घडियाली आंसू बहा देंगे…
सारथी: काव्य अवलोकन 8
चिट्ठाजगत नवोदित एवं पुराने हिन्दी कवियों एवं काव्य विधा में रचना करने वालों के लिये एक वरदान बनकर आया है. बिना किसी “खेद के साथ लौटाया जाता है” पर्ची के वे यहा अपनी रचनात्मकता को विशालजगत के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं. इसमे बहुत सी अच्छाईयां हैं, बहुत सी कमजोरियां भी है. कमजोरी का बात अगले किसी अवलोकन में करेंगे, कुछ…
सारथी: काव्य अवलोकन 7
प्रस्तुत हैं पांच चुने हुए मोती, पद्य विधा में. उम्मीद है कि पाठकगण पूरी माला को जरूर देखेंगे. अकेले मोती आकर्षित जरूर करते हैं, लेकिन वे अपनी पूर्णता तभी पाते हैं जब उनको माला में पिरो दिया जाये. इन पद्यों की भाषा, रस, एवं बहाव में इतना अंतर है कि एक पूरा पढने से पहले ही आपको मालूम हो जायगा कि आगे…