Category: परिचय
टेलिफोन द्वारा मृत्यु??
लगभग 15 साल पहले ग्वालियर से कोच्चि पहुंचा तो साल भर में औसत 170 दिन बरसात के लिये अपने आप को तय्यार करना आसान नहीं था. (जी हां, यहां साल में 200 से अधिक सूखे दिन नहीं मिल पाते हैं). पानी बरसना चालू हो जाता है तो कई बार 12 घंटे लगातार बरसता है. हमारे घर के आसपास इतना पानी…
दिनेशराय द्विवेदी (वेताल उनके चिट्ठे लिखता है)!!
दिनेशराय द्विवेदी को हिन्दी चिट्ठाजगत में कौन नहीं पहचानता है!! उनके आलेख तो लोगों को ऐसे आकर्षित करते हैं जैसे शहद का प्रवाह हो रहा हो! उन्होंने जो अलख जगा रखी है उस से हर कोई कमोबेश लाभान्वित हुआ है. “तीसरा खंबा” में उनके आलेख क्या आप अपने लिए एक काम करेंगे? को पढते ही मुझे लगा कि सारथी के…
भाटिया जी की कमी अखर रही है!!
लगभग सभी चिट्ठाप्रेमी कुछ चिट्ठों को नियमित रूप से पढते हैं. मेरे लिये राज भाटिया जी के चिट्ठे जरूरी चिट्ठों में से एक है क्योंकि उन के लिये मेरे दिल में जगह एकदम विशेष है. कल सारथी चिट्ठे पर उनकी टिप्पणी आई तो मैं बहुत उत्साहित हो गया, लेकिन दौडा दौडा उनके चिट्ठों पर गया तो पता चला कि चिट्ठों…
खस: किसी ने सुना है क्या?
इसी तरह लुप्त होती एक चीज है खस का अत्तर. इसका एक तोला आप 25 रुपये से 1000 रुपये तक का खरीद सकते हैं. इसे भी शरीर पर सुबह लगाने पर शाम तक लोग पूछते रहते हैं कि यह भीनी भीनी सुगंध कहां से आ रही है. दो तोला खस साल भर काम आ जाता है. खस का अत्तर लगाने…
चंदन का तेल: नाम सुना है क्या?
ग्वालियर शहर का “महाराज बाडा” शहर का जानामान बाजार है. राजेमहाराजाओं के समय से महाराज-बाडा बाजार का केंद्रबिंदु रहा है. बीचोंबीच एक बगिया है जिसका अच्छा रखरखाव नगरपालिका करती है. कई एकड में फैले इस गोलाकार बाजार में छ: सडकें आकर मिलती हैं और हर सडक के दोनों ओर बाजार हैं. कुल मिला कर कहा जाये तो महाराज बाडे पर…
सारथी अब अंग्रेजी में भी !!
प्रिय दोस्तों, सारथी अब अपने तीसरे साल में है, एवं आप के स्नेह के कारण कई नई सीढियां पा र कर रहा है. आज से 30 महीने पहले हम ने 10 मेगाबाईट सर्वर-स्थान के साथ इस चिट्ठे को आरंभ किया था. पाठकों की आवकजावक ऐसे तेजी से बढी कि जल्दी ही हमें 20 मेगाबाईट और फिर क्रमश: 50, 100, और…
मिट्टी का चंदन: मजाक या सच!!
मेरे के आलेख स्वास्थ्य: मिट्टी के मोल और मिट्टी का स्नान? का आप लोगों ने जो स्वागत किया उसके लिये मैं आभारी हूँ. पहले लेख को पढ कर पुनीत ओमर ने टिपियाया: शास्त्री जी, अगले अंक में गंगा के किनारे के क्षेत्रों विशेषकर हरिद्वार में मिलने वाले मिट्टी के चन्दन के बारे में अवश्य बताइयेगा. मैंने इसे गुजरात के तटीय…
मिट्टी का स्नान ?
मेरे कल के आलेख स्वास्थ्य: मिट्टी के मोल को मेरे प्रिय पाठकों ने जिस तरह अपनी टिप्पणियों में मुलतानी मिट्टी पर अतिरिक्त जानकारी जोडने के द्वारा बहुमूल्य बनाया उसके लिये मैं आभारी हूँ. मिट्टी के कई गुण हैं जिन में से एक पर दिनेश जी ने ध्यान आकर्षित किया है: मिट्टी में सब कुछ अपने में समा लेने की आदत…
स्वास्थ्य: मिट्टी के मोल 001
तीव्र शहरीकरण एवं पाश्चात्य शिक्षा व्यवस्था के कारण हम बहुत सारी उपयोगी एवं आम चीजों को तेजी से भूलते जा रहे हैं. इन भूलीबिसरी चीजों में से एक है “मिट्टी” और स्वास्थ्य में संबंध. मिट्टी और स्वास्थ्य का बहुत अधिक संबंध है, लेकिन इस आलेख में सिर्फ एक बात का उल्लेख करूगा. सबसे पहले तो मुलतानी मिट्टी को ही ले…
चांबक्का! मोती है या फल है??
शहरी जीवन हम को बहुत कुछ दे रहा है, लेकिन उसके साथ साथ हम बहुत कुछ खो भी रहे हैं. इन खोती हुई चीजों में से एक है वे फल और सब्जियां जो गांव के जीवन में रोजमर्रा की चीजें थीं. कोई इनकी खेती नहीं करता था, क्योंकि ये व्यापारिक नजरिये से उपयोगी नहीं थे, लेकिन अधिकतर लोगों के बागानोंखेतों…