Category: लघु कथा
प्यार की प्यास 005 (अंतिम किश्त)
यदि आप पहली बार यह कहानी देख रहे हों तो कृपया भाग 1 से पढना शुरू करें. प्यार की प्यास 001 प्यार की प्यास 002 प्यार की प्यास 003 प्यार की प्यास 004 भाग 5: अंतिम भाग! अविनाश कुछ कहने के लिये घिघिया रहा था, लेकिन विजय की उंगलियां उसके गर्दन को इस्पात के समान जकडी हुई थीं. लोगों के…
प्यार की प्यास 004
यदि आप पहली बार यह कहानी देख रहे हों तो कृपया भाग 1 से पढना शुरू करें. प्यार की प्यास 001 प्यार की प्यास 002 प्यार की प्यास 003 भाग 4: “क्यों अविनाश, यह क्या नाटक कर रहे हो” अचानक भौतिकी के आचार्य की आवाज उभरी. “यह नाटक नहीं है सर, सैकडों जिंदगियों का सवाल है सर”. आसपास खडे विद्यार्थीयों…
प्यार की प्यास 003
यदि आप पहली बार यह कहानी देख रहे हों तो कृपया भाग 1 से पढना शुरू करें. प्यार की प्यास 001 प्यार की प्यास 002 भाग 3: नहीं सर बात यह नहीं है. मैं भावना से बहुत प्रेम करता हूँ. वह कहती है कि वह सिर्फ मेरे लिये जी रही है. स्पष्ट है कि हमारे प्रेम में आज भी उतना…
प्यार की प्यास 002
“क्यों विजय, मैं ने सुना है कि तुम ने आज अविनाश को छेड दिया. सुनो, तुम नये नवेले अध्यापक हो. खून की गर्मी है. लेकिन अविनाश जैसे लोगों से पंगा लेना कोई अकलमंदी नहीं है. ऐसे लोगों को खामोखा छेड कर हम में सो कोई भी अपने बीबी बच्चों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकता है”, निर्दयी लुहार के …
प्यार की प्यास 001
कक्षा का वातावरण अचानक ऐसे शांत हो गया कि विद्यार्थीयों को अक्षरश: एक दूसरे के सांस लेने की आवाज तक सुनाई देने लगी थी!! बीए प्रथम वर्ष के इस कक्षा के विद्यार्थी कई शूरवीर अध्यापकों के छक्के छुडा चुके थे, लेकिन विजय सर अब उस झुंड पर भारी पडने लगे थे. अभी पिछले ही हफ्ते तो उनकी नियुक्ति हुई थी,…