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नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 02

जैसा मैं ने अपने पिछले आलेख  नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 01 में कहा था, नॉल गूगल द्वारा स्थापित मुक्त विश्वकोश है जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी विषय पर लिख सकता है. एक ही विषय पर सौ लोग लिखते हैं तो भी गूगल को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि उनकी सोच यह है कि जो…

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नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 01

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है. इसके लिये हमें आजीवन हिन्दी के प्रचार के लिये अपने आप को समर्पित करना होगा. ऐसे समर्पित व्यक्तियों को निम्न में से एक या अधिक कार्य अपनी सामर्थ एवं तकनीकी जानकारी के अनुसार करना चाहिये: गैरहिन्दीभाषियों को सरल एवं ललित हिन्दी सिखायें. हिन्दीभाषियों को हर कार्य हिन्दी में करने के…

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तीन हीरे — अनुनाद जी के खजाने से!!

अनुनाद जी का चिट्ठा हर हिन्दी एवं हिन्दुस्तान प्रेमी के लिये एक नियमित पडाव होना चाहिये. उनके चिट्ठे से तीन हीरे मैं आपके समक्ष रखना चाहता हूँ. उम्मीद है कि आप उनके चिट्ठे को बुकमार्क कर लेंगे. हीरा 1: हिन्दी सशक्तिकरण के सरल सूत्र  हिन्दी दिवस पर हिन्दी के बारे में लोगों के विचार पढ़कर लोगों की हिन्दी से घनिष्ट…

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आप की सहायता चाहिये

सारथी के अगले एक लेख में हम हिन्दी भाषा से सम्बंधित हर तरह के औजार, शब्दकोश, खोज यंत्र, लिपि परिवर्तक, फीड एग्रीगेटर, टंकण सहाई आदि की एक वृहद सूची देना चाहते हैं. हिन्दी से स्नेह करने वाले एवं हिन्दी के प्रचारप्रसार में रुचि रखने वाले हर पाठक से बिनती है कि इस सूची में जोडने के लिये जो औजार एवं जालस्थल हैं उनके बारे…

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पांच मिनिट में शब्द भंडार 1

मेरे गुरुजन हमेशा कहा करते थे कि शब्दों मे जादू है. जिसका शब्द-भण्डार समर्थ है, वह गंभीर से गंभीर विषय गवांरों में गंवार को भी उसकी भाषा में समझा सकता है. लेकिन जिसके पास शब्द भण्डार नहीं है, वह विद्वानों मे विद्वान को भी एक छोटी सी बात नहीं मनवा सकता है. डांटडपट एवं सजा देकर उन्होंने हमे शब्द सिखाये….

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सारथी अर्थ अनर्थ 1

1960 आदि में हमारे हिन्दी अध्यापक हमें डंडा (स्केल) मार मार कर सिखाते थे. हिन्दी उनका प्रेम था, सखि थी, साधना थी. वे हमको स्टूल पर खडा करते थे, हाथ ऊपर करके खडा करते थे, विकट परिस्थितियों में मुर्गा भी बना देते थे. उनसे हमारा सम्बन्ध स्नेह-नफरत का था. कौन अपने मुर्गा-चालक से स्नेह ही स्नेह कर सकता है. लेकिन इन अध्यापकों ने हमारी…

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नाचिकेत टीम के सहयोगी बनें

नाचिकेत हिन्दी-खोज-यंत्र 50 और सम्पादकों को अपनी टीम में जोडना चाहता है. इस समय नाचिकेत हिन्दी का सबसे वृहद सर्च-इंजन है, एवं सहयोगी सम्पादक इसे और भी वृहद बनाने में मदद कर सकते हैं. हर सम्पादक के पास अपने खुद का स्वतंत्र गूगल नियंत्रण-पेनल/बटन होगा जहां बिना किसी और के दखल के वे अपनी पसन्द के हिन्दी चिट्ठों एवं जाल-स्थलों…

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वृहद हिन्दी सर्च इंजन: नाचिकेत

पेश है हिन्दी चिट्ठों एवं जालस्थलों में उप्लब्ध सामग्री की खोज हिन्दी में करने के लिये सारथी का खोज-यंत्र “नाचिकेत”. हिन्दी के 2500 से अधिक जाल-स्थल इसमें शामिल कर दिये गये हैं, एवं हर नया हिन्दी जालस्थल इसमें जोड दिया जाता है जो हमारी जानकारी में आता है. जाल-स्थल सारथी/नाचिकेत के सम्पादकों के द्वारा चुने/जोडे जाते हैं एवं इन चुने…

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हिन्दी-ब्लागिंग परिचय ईपुस्तक 2

हिन्दी-ब्लागिंग मार्गदर्शन नाम से मैं जो लेखन परम्परा लिख रहा हूं, उसकी अगली तीन कडियां पाठकों की मांग पर अब पीडीएफ ईपुस्तक के रूप में उप्लब्ध है. पुस्तक सचित्र है, एवं जाल-स्थलों से या छपे रूप में इसके वितरण पर कोई पाबन्दी नहीं है. आगे के खण्ड तय्यार हो रहे हैं एवं तुरन्त ही उपलब्ध हो जायेंगे. पाठकों के सुझाव…

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हिन्दी-ब्लागिंग परिचय ईपुस्तक

हिन्दी-ब्लागिंग मार्गदर्शन नाम से मैं जो लेखन परम्परा लिख रहा हूं, उसकी पहली पांच कडियां पाठकों की मांग पर अब पीडीएफ ईपुस्तक के रूप में उप्लब्ध है. पुस्तक सचित्र है, एवं जाल-स्थलों से या छपे रूप में इसके वितरण पर कोई पाबन्दी नहीं है. आगे के खण्ड तय्यार हो रहे हैं एवं तुरन्त ही उपलब्ध हो जायेंगे. पाठकों के सुझाव…

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