संशोधित विन्डोज लाइव राइटर: गजब का औजार

हर सक्रिय चिट्ठाकार को एक अच्छा सा जाल-सेवक सेवा मे लेना चाहिये. जाल-सेवक वे कार्यक्रम या साफ्टवेयर हैं जिनकी मदद से आप लेखन एवं सज्जा का काम बिना जाल के अपने संगणक पर कर सकते हैं. जब आपका लेखन पूरा हो जाये तो जाल पर चले जाईये, आदेश दीजिये, यह सेवक अपका लेख आपके चिट्ठे पर पहुंचा देगा.

इस समय कापी सारे व्यापारिक एवं मुफ्त जाल-सेवक उपलब्ध हैं एवं हरेक की अलग विशेषता है. लेकिन हिन्दी-सक्षम सेवक सिर्फ दो हैं: विन्डोज लाइव राइटर एवं स्क्राइब फायर. पहला सेवक 5 मेबा की पोटली है तो स्क्राइब फायर सिर्फ 350 किबा की छोटी सी पुडिया है. हां सुविधा भी उसी अनुपात में है. विन्डोज लाइव राइटर तमाम तरह की सुविधा उपलब्ध करवाता है तो उसका कनिष्ठ साथी काफी कम सुविधायें प्रदान करता है. समानता यह है कि दोनों हिन्दी सक्षम हैं

विन्डोज लाइव राइटर काफी समय से बीटा अवस्था में है लेकिन बीच बीच में बीटा के ही संशोधित संस्करण आते जा रहे हैं. मैं जिस संशोधित संस्करण की बात कर रहा हूं उसे आप http://get.live.com/betas/writer_betas पर से अपने संगणक पर उतार सकते हैं. यह हर तरह से एक गजब का औजार है, एवं इसमे अपने पहले के बीटा संस्करणो से बहुत अधिक सुविधा है. इसका एक सचित्र परिचय इस हफ्ते सारथी पर उपलब्ध हो जायगा.

अपने चिट्ठालेखन को स्फूर्तिदायक बनाने के लिये आज ही इसे अपने संगणक पर उतार कर अजमाईये. कठिनाई आये तो उसे हमारे शीघ्र-प्रकाशित सचित्र परिचय में देख कर हल कर लें. — शास्त्री जे सी फिलिप

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Author: Super_Admin

10 thoughts on “संशोधित विन्डोज लाइव राइटर: गजब का औजार

  1. वाकई गजब का है. पता देने के लिए धन्यवाद

  2. अच्छा औजार है, मैं भी उपयोग में लेता हूँ, एक खराब बात यह है की यह तमाम तरह के HTML कोड भी पोस्ट के साथ डाल देता है. मगर फोर्मेट चकाचक रहता है.

  3. @Ramashankar Sharma

    आपका स्वागत है

    @संजय बेंगाणी
    संजय, यह नया रूप गजब है. सच कहते हो: “यह तमाम तरह के HTML कोड भी पोस्ट के साथ डाल देता है. मगर फोर्मेट चकाचक रहता है.”

  4. शास्त्री जी,
    आपकी पोस्ट नारद पर दो बार आयी, ये लाइव राइटर का ही कमाल है या कुछ और, स्पष्ट करें।

  5. @जीतू
    प्रिय जीतू, लाईव राईटर एस मामले में निर्दोष है. समस्या का कारण तकनीकी है.

  6. कृपया एक जैसी दो पोस्ट से बचें 🙂
    इससे कोई एक साथी पहले पन्ने पर रहने से वंचित हो रहा है.

  7. @संजय बेंगाणी
    एक जैसे दो पोस्ट नहीं, कारण कुछ और है, जिसे हल करने की कोशिश हो रही है.

  8. अरे वाह! आपने तो बहुत ही अच्छी चीज़ बताई है | मैं अभी इसे उपयोग में लेता हूँ | आप quillpad.in भी उपयोग में ले कर देखें | इससे हिंदी मैं लिखने मैं काफ़ी आसानी होती है |
    राकेश

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