सारथी हिन्दी कार्यशाला: सारथी के बहुत से मित्रों ने निवेदन किया था कि वे अलग अलग जगहों पर बैठ कर ( घर, दफ्तर, सायबर केफे) टिप्पणी करते हैं एवं कई बार उन संगणकों पर हिन्दी की सुविधा नहीं होती है अत: उनको लेखन एवं टिप्पणी के लिये अंग्रेजी का सहारा लेना पडता है. हम काफी समय से इसका हल ढूढ रहे थे एवं आज से परीक्षण के तौर पर सारथी के साथ एक हिन्दी लिप्यांतरण तंत्र जोड दिया गया है.
सारथी की बांई बगलपट्टी पर ऊपर की तरफ यह सुविधा जोड दी गई है. अब जिस चिट्ठे पर आपको हिन्दी में लेख लिखना है या टिप्पणी करनी है उसका नाम यहां पर लिखिये एवं चटकाईये. कुछ ही क्षणों में आप उस चिट्ठे पर पहुंच जायेंगे एवं हिन्दी टंकन सहाई आपके संगणक पर उस चिट्ठे से जुड जायगा. जब आप उस चिट्ठे को बंद करेंगे तब ये दोनों अलग हो जायेंगे.
चिट्ठे के सबसे नीचे आपको एक पट्टी नजर आयेगी जहां अंग्रेजी/हिन्दी बदल सकते हैं. सहायता के लिये चटकायेंगे तो एक सचित्र कुंजीपटल आ कर आपकी मदद करेगा.
यदि किसी चिट्ठे पर इस तरह से टंकण करने में कठिनाई होती है तो आप पहले नीचे दिख रहे पट में टंकन कर लें एवं उसको काटचिपका लें

शास्त्री जी,
आप तो वाकई “सारथी” नाम सार्थक कर रहे है. हिन्दी ब्लागिंग को सीधा सरल और सबकी पहुँच मे बनाने के लिये आपके प्रयास सराहनीय है.
यहा से ब्लोग पर नही लिखा जा रहा पर पट पर लिख कर काट कर रेडियोवाणी पर मेने टिप्पणी की
@ अन्नपूर्णा
शास्त्रीजी, आप के प्रयास सराहनीए हैं। बधाई।
जहां हिंदी में लिखने की सुविधा न हो वहां सचमुच इससे बहुतमदद मिलेगी . शुक्रिया शास्त्री जी . बहुत-बहुत शुक्रिया .
अच्छी सुविधा है।
वाह ये तो कमाल है
कमाल नही हे परिश्रम हे सालो का