मैथिली गुप्त एवं सिरिल गुप्त को हिन्दी चिट्ठाजगत में हर कोई जानता है. (नहीं जानते तो जानना जरूरी है). उनके सर्वर पर जो दुर्घटना हुई उसे उन्होंने ज्ञानदत्त जी के चिट्ठे पर इस तरह बताया है:
“कल हमारा सर्वर बैक अप हार्ड डिस्क समेत उड़ गया
जिसमें हमारे पिछले पांच सालों का सारा काम था.
सारी अव्यावसायिक एवं व्यावसायिक वेबासाईट ढेर
सारे सोर्स कोड, जो अब दुबारा लिखने पढ़ेंगे.शुक्र है
कि ब्लागवाणी बच गई क्योंकि ये asp.net पर थी.”
इस नुकसान का अनुमान कोई भी नहीं लगा सकता. मेरा अनुरोध है कि सभी हिन्दी चिट्ठाकर मैथिली जी को maithily@cafehindi.com पर एक चिट्ठी भेज कर उन को बता दें कि हिन्दीजगत अपने परिवार के किसी भी सदस्य को होने वाले नुकसान को अपना नुकसान मानता है.
लगे हाथ ज्ञानदत्त जी का लेख (ब्लॉग सेग्रीगेटर – पेरेटो सिद्धांत लागू करने का जंतर चाहिये) भी पढ लें. उनका यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है एवं उसका लक्ष्य देवयोग से आज सारथी पर छपे लेख 2 पाठक या 2000 पाठक प्रति दिन ?? का जो मूल लक्ष्य है उससे मिलताजुलता है. ज्ञानदत्त जी को एक अच्छी टिपणी देना भी न भूलें, लेकिन इसके पहले मैथिली जी का इमेल जरूर रवाना कर दें — शास्त्री जे सी फिलिप
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मैथिलीजी का कोई वैकल्पिक ई-पता दीजिए ।आपका दिया पता तो दुर्घटनाग्रस्त है । प्रभू ,उन्हें काम फिर से खड़ा करने की ताकत और उत्साह दे ।
हमें इस बात का दुःख है कि उन्हें इतना नुकसान उठाना पड़ा. लेकिन विश्वास भी है कि वे शीघ्र ही इसकी भरपाई कर लेगें. यह अलग बात है वह चीजें आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाएंगी. फिर भी हम उनके साथ हैं.
हम सब मैथली जी के साथ है और आशा करते है वो जल्दी ही फिर से सब कुछ स्थापित कर लेंगे।
अत्यंत दुःखद समाचार है। ईश्वर दिवंगत हार्ड डिस्क को चिरशांति प्रदान करे और शोकसंतृप्त मैथिली परिवार और विश्व हिन्दी ब्लॉग परिवार को इस अपार और भीषण दुःख से लड़ने का संबल प्रदान करे… ”..क्योंकि ये भी जानना जरूरी है।”
मैथली जी
if i can help in any way please let me know . many of us can help in some way or other and i am open to it
मैथिलीजी से दो बार मेल सम्पर्क हुआ है । जो पता आपने दिया, वही मेरे पास भी है लेकिन उस पते पर मेल किया तो ‘फेल्यूअर नोटिस’ आ गया । अब आपके माध्यम से ही कह रहा हूं कि तकनीकी रूप से मेरी जानकारी शून्य है सो मैं तो अनुमान भी नहीं लगा पा रहा हूं कि मैथिलीजी को कितना नुकसान और किस तरह का नुकसान हुआ होगा । लेकिन घबराने की जरूरत नहीं । हम अतीत की मरम्मत नहीं कर सकते, केवल वर्तमान को बेहतर बनाने की कोशशें कर सकते हैं ।
मैथिलीजी से कहिएगा कि मेरे योग्य कोई काम हो तो अवश्य बताएं । उनके लिए उपयोगी होने पर मुझे आत्मीय प्रसन्नता होगी ।
मैथिली जी के नुक्सान का अनुमान लगाना कठिन नहीं। मेरे चिट्ठे पर टिप्पणी में उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों का डाटा उड़ गया। यह किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन परिस्थिति है। उम्मीद है जल्द ही उनकी समस्या सुलझेगी।