हिन्दी: कौन किसको बेवकूफ बना रहा है ???

[अभिनव, साभार, विश्व हिन्दी सम्मेलन का अंग्रेज़ी प्रमाण पत्र – आज…]

हम हिन्दीभाषी जरा जरा सी बात पर उछले लगते हैं जैसे कि हिन्दी की लाटरी निकल आई हो. जैसे ही खबर मिलती है कि यूएनओ मे हिन्दी स्वीकृत करने जा रहे हैं तो यहा खुशी के पटाखे चलने लगते हैं. हम अपने आप को बेफकूफ बना रहे हैं

मैं कई बार यह प्रश्न आपके सामने रख चुका हूं कि वहां हिन्दी स्वीकृत हो गई तो उसे पढेगा कौन. जितने भारतीय वहां काम करते हैं वे तो अंग्रेजी अनुवाद मांग मांग कर पढेंगे. हमारा मानस फिरंगी की भाषा का ऐसा चरणदास हो गया है कि विश्व हिन्दी सम्मेलन का सर्टिफिकेट हमारे ही, जी हां हिन्दुस्तानी, दूतावस ने फिरंगी की भाषा में दिया है. आज उच्च स्थानों पर बैठे हिन्दुस्तानी ही हैं जो हिन्दी के प्रचार प्रसार में पलीता लगा रहे हैं.

चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: विश्लेषण, आलोचना, सहीगलत, निरीक्षण, परीक्षण, सत्य-असत्य, विमर्श, हिन्दी, हिन्दुस्तान, भारत, शास्त्री, शास्त्री-फिलिप, सारथी, वीडियो, मुफ्त-वीडियो, ऑडियो, मुफ्त-आडियो, हिन्दी-पॉडकास्ट, पाडकास्ट, analysis, critique, assessment, evaluation, morality, right-wrong, ethics, hindi, india, free, hindi-video, hindi-audio, hindi-podcast, podcast, Shastri, Shastri-Philip, JC-Philip, [कृपया मेरे चिट्ठे तरंग, गुरुकुल, एवं इंडियन फोटो पर भी पधारें]

Share:

Author: Super_Admin

6 thoughts on “हिन्दी: कौन किसको बेवकूफ बना रहा है ???

  1. भाई ये कॉउंसालावास क्या होता है,इसके बजाय कॉन्सुलेट ही रहने देते तो ज़्यादा ठीक नही होता?

  2. इसे देखकर उन लोगों की याद आ गयी जो हिन्दी दिवस के समारोह मे कह्ते हैं ‘today is hindi day’. अपने आप में यह काफ़ी गह्रा व्यन्ग्य है.

  3. थोथा भाषण देने, हिन्दी की आरती उतारने या अंग्रेजी को गोलियाँ देने की वजाए बेहतर होगा कि हम हिन्दी(देवनागरी) तथा अन्य भारतीय भाषाओं(लिपियों) की तकनीकी खामियों को दूर कर इन्हें सरल और सपाट बनाने का प्रयास करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *