जब भी विषयाधारित चिट्ठों की बात करते हैं तो कुछ चिट्ठाकारों को कोई विषय नहीं दिखता है. लेकिन यदि आप चारों ओर देखें तो विषयों का कोई अभाव नहीं है. आज इस लेख के बारें में सोच रहा था तो बैठे बैठे कम से कम 100 विषय मन में आये जिन में से कुछ की सूची नीचे दी गई है. बाकी के टंकण के लिये समय नहीं मिल पा रहा है, लेकिन सजीव सोचने वाले के लिये इस सूची द्वारा प्रदत्त इशारा काफी है. हां इस सूची को बनाते समय अगले दिनों प्रस्तुत करने के लिये कई विषय भी मिल गये हैं. जहां चाह वहां राह!!
विषय |
विषयविस्तार जानकार व्यक्ति इन में से लगभग हरेक पर एक चिट्ठा चालू कर सकता है या इन विषयों को एक चिट्ठे पर दे सकता है |
भारत के महान व्यक्ति (प्राचीन) |
द्रोणाचार्य, आर्यभट, मिहिरसेन, कणाद … |
भारत के महान व्यक्ति (एतिहासिक) |
तानसेन, बैजूबावरा … |
भारतीय कवि |
(एतिहासिक, प्राचीन, आधुनिक) भारत के प्रथम कविगण, प्राचीन कवि, आधुनिक कवि, उनकी जीवनी, काव्य परिचय, काव्य विश्लेषण |
भारतीय काव्य शास्त्र |
काव्य शास्त्र का इतिहास, विवरण, वैज्ञानिक विश्लेषण, आधुनिक पाश्चात्य काव्य शास्त्र के साथ तुलनात्मक अध्यायन |
भारतीय खगोलशास्त्र |
उद्भव, विकास, इतिहास, सिद्धांत, खगोल शास्त्र व गणित, मौसम, अन्य |
भारतीय गणित |
उद्भव, विकास, इतिहास, सिद्धांत, गणित के विभिन्न विभाग, वास्तुशिल्प व गणित, खगोल शास्त्र व गणित |
भारतीय दर्शन |
विभिन्न वाद, वादों का समन्वय, दर्शन की उत्पत्ति, प्राचीन भारतीय दार्शनिक, उनका प्रभाव, पाश्चात्य दर्शन से तुलना, पाश्चात्य दर्शन पर प्रभाव |
भारतीय धर्म |
हिन्दू धर्म एवं संस्कृति का इतिहास, विभिन्न चिंताधारायें, विभिन्न नवोत्थान, धार्मिक ग्रंथ, दर्शन, जीवन पर प्रभाव |
भारतीय धर्मगुरू |
हजारों धर्मगुरुओं पर वृहद या कुछ चुने हुए लोगों पर सामान्य चिट्ठे/जालस्थल |
इतिहास, सिद्धांत, विधायें, प्राचीन एवं आधुनिक नाटककार, उनकी रचनायें, वस्त्र विन्यास |
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भारतीय भाषाशास्त्र |
विभिन्न भाषाओं के वैयाकरण, उनके सिद्धांत, उनका प्रभाव, उनका इतिहास, भाषा के तत्व, अन्य प्राचीन वैज्ञानिक जानकारी |
भारतीय मूर्तिकला |
इतिहास, विभिन्न विधायें, विभिन्न युगों की मूर्तिकला, मूर्ति निर्माण कला, मिट्टी, पत्थर, लकडी, धातु आदि द्वारा मूर्ति निर्माण |
भारतीय वास्तुशिल्प |
वास्तुशिल्प का इतिहास, पुराने भवन, अट्टालिकायें, महल, किले, समाधियां, छतरियां, स्तंभ, मीनारें, निर्माण–उपकरण, संबंधित गणित |
भारतीय विज्ञान |
प्राचीन भारतीय विज्ञान, तकनीकी, वैज्ञानिक |
भारतीय सौन्दर्यशास्त्र |
(Asthetics, aesthetics. सौन्दर्यशास्त्र दर्शन के आधारभूत विषयों में आता है) इतिहास, विश्लेषण, पश्चिम के साथ तुलनात्मक अध्ययन |
भारतीय संगीत |
संगीत का इतिहास, संगीत के घराने, संगीतकार, संगीत से संबंधित विरल जानकारी |
भारतीय संगीत उपकरण |
देशज उपकरण, उनका वैजानिक विश्लेषण, निर्माण विधि, लुप्त होते वाद्य यंत्र आदि |
विषय तो दिखायी ही नहीं दिये शास्त्री जी.
शास्त्री जी आप इस विषय पर पिछले दिनों से हमें समझाने का प्रयास कर रहे हैं । आपका कहना जायज है किन्तु मेरा मानना है कि विषयानुसार चिट्ठे फूल टाईमर ब्लागर या प्रोफेशनल के लिये ज्यादा सुविधाजनक है । शौकिया ब्लागर तो अपने ब्लाग को एक पत्रिका समझ विभिन्न विषयों में लिखता है, नहीं तो यह स्वांत: सुखाय लेखन नहीं कहलायेगा । वैसे आपकी बातों को मनन कर इस संबंध में सोंचूंगा ।
इन सब को मिला कर एक ही विषय बना दिया जाय तो – ” भारत एक खोज”. या फ़िर “भारत का इतिहास”
आपकी बात से मैं पूरे तरह सहमत हू. और मैने प्रयास भी किया है. अभी इस आभाषी दुनिया मे मैं नया हू लेकिन मैने अपनी पसंद के 3 चिठ्ठे बनाए है . प्रथम ‘ हरकारा’ जिसमे साहित्य जगत की हलचलो का लेखा जोखा है.दूसरा है उत्थान जिसमे समाज से जुड़ी समस्याओ और घटनाओ को समाहित किया गया है. और आख़िरी है सिनेमा इन क्लोजाप…जहा हम सिनेमा के मायावी संसार से जुड़ी बातो को आपस मे बाट सकते है. मैं चाहता हू की मुझे अन्य लोगो का भी साथ मिले हालाकी मैने चिठ्ठाज्गत मे इसे शामिल कर दिया है पैर इन मुद्दो से जुड़े लोगो तक पहूचने मे ख़ुद को असर्मथ पा रहा हू.उम्मीद करता हू आपकी यह पहल रंग लाएगी
आप ब्लोग को और वेब साईट को मिला रहे हैं । वेब साईट पहले से ही विषय आधारित होती थी पर उनको इंटरनेट पर अपलोड करने के लिये पैसा देना होता था । अब लोग ब्लोग को वेब साईट मान ले रहे है और आप भी उसी विधा को ब्लॉगर को शायद समझा रहे है । पर एक बात को हमेशा ध्यान मे रखना होगा की ब्लॉगर अपने ब्लोग का सारा लेखा जोखा अपने कंप्यूटर या किसी कद पर सुरक्षित रखे क्योकि “ब्लोग” फ्री सुविधा है और कभी भी खतम हो सकती है या की जा सकती है । विषय आधारित ब्लॉगर को काफी मेहनत करनी होगी और अगर फिर सारा डाटा विलीन हो गया तो काफी निराशा और शोभ का सामना हो सकता है ।
संजीव तिवारी जी और रचना जी के कथन से सहमत!!
शास्त्रीजी,
आप द्वारा सुझायी गयी यह सूची मैं उस समय नहीं देख पाया था। किन्तु आज भी यह उतनी ही ताजी है। इन विषयों पर उच्च गुणवत्ता के लेख लिखकर हिन्दी विकि पर दाले जांय तो पाठक उन्हें बहुत ही पसन्द करेंगे।