चिट्ठाकारी: अज्ञान की कीमत — 2

Divided मेरे पिछले लेख चिट्ठाकारी: अज्ञान की कीमत! में मैं ने याद दिलाया था कि आपके चिट्ठे का "आवरण" या थीम यदि यूनिकोड के लिये अनुकूल न हो तो आपका चिट्ठा फायरफाक्स मे (जिसका प्रयोग लगातार बढ रहा है) खंडित नजर आयगा. हर चिट्ठाकार को अपना आवरण फायरफाक्स में जांच लेना चाहिये एवं ऐसा ही आवरण चुनना चाहिये जो इंटरनेट एस्कप्लोरर के अलावा फायरफाक्स में भी सही दिखता है. इस संबंध में कुछ प्रश्न आये थे जो इस प्रकार है:

  • शास्त्री जी, मैं अकसर अपनी ही पोस्ट के शीर्षक को ही नहीं पड़ पाता–सब खंडित हो जाता है, ऐसा क्यों, कृपया इस पर भी प्रकाश डालें।http://drparveenchopra.blogspot.com
  • यह समस्या तो हमें भी दिखाई देती है. फायरफोक्स में हम अपने शीर्षक खण्डित देख पाते हैं. उपाय तो हमें भी चाहिए. http://www.meenakshi-meenu.blogspot.com/
  • मुझे भी एक कठिनाई आ रही है कि फॉयर फॉक्स में मुझे हिन्दी पढने में कुछ व्याकरण की अशुद्धियाँ सी दिखाई देती हैँ। http://hansteraho.blogspot.com
  • उत्तर: आप ने जो आवरण चुना है उसके शीर्षक का कोड यूनिकोड को समर्थन नहीं देता है. आवरण बदलना सबसे आसान हल है.

  • मुझे भी एक कठिनाई आ रही है कि फॉयर फॉक्स में मुझे हिन्दी पढने में कुछ व्याकरण की अशुद्धियाँ सी दिखाई देती हैँ। http://hansteraho.blogspot.com
  • सही समस्‍या की ओर ध्‍यान खींचा आपने । हमने अपनी इस समस्‍या को रवि भाई से पूछकर सुलझा लिया है । लेकिन एक सूक्ष्‍म समस्‍या का निराकारण नहीं मिल रहा है । वो है अर्ध अक्षरों की समस्‍या । इस पोस्‍ट पर संजीव तिवारी की टिप्‍पणी में भी अर्ध अक्षर हलंत वाले आए हैं । फायरफॉक्‍स में हमारे सभी चिट्ठों पर ऐसा ही होता है । जबकि एक्‍सप्‍लोरर में नहीं । ओपेरा में भी यही हो रहा है । इसका निदान है क्‍या कोई । जैसा आधा क कुछ यूं दिखता है क् । http://radiovani.blogspot.com
  • उत्तर: आप ने जो आवरण चुना है उसके पृष्ट का कोड यूनिकोड को समर्थन नहीं देता है. आवरण बदलना सबसे आसान हल है.

  • क्‍या वाकई हमें रेमिंगटन की बोर्ड छोड कर बेसिक यूनिकोड कीबोर्ड सीखना चाहिए । क्‍या करें हमसे यह छूटता नहीं है और बेसिक की बोर्ड दिमाक में बैठता नहीं है फलत: बरसों से रेमिंगटन में चलते हाथ रेमिंगटन को ही भाते हैं । हमारा मानना है कि इसका कुछ तो तोड होगा, जुगाडों का देश है भारत। http://www.aarambha.blogspot.com
  • उत्तर: आप केफे हिन्दी का प्रयोग करके देखें. इसमें आपको अपनी इच्छा का कीबोर्ड मिल जायगा. इस औजार/तंत्र का यूनिकोड समर्थन बहुत उत्तम है.

  • मैं इस चिट्ठे को माइक्रोसॉफ़्ट इंटरनेट एक्स्प्लोरर में देख रहा हूँ और कोई भी मात्रा या आधे अक्षर खंडित नहीं दिखाई दे रहे, यानी सब चकाचक है। हो सकता है ये समस्या फ़ायरफ़ॉक्स में हो। http://malwa.wordpress.com
  • उत्तर: अतुल भईया, समस्या हमारे चिट्ठे की नहीं बल्कि समस्याग्रस्त चिट्ठों की है!!
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Author: Super_Admin

8 thoughts on “चिट्ठाकारी: अज्ञान की कीमत — 2

  1. मैं ने इस समस्या को बेसिक यूनिकोड (इन्स्क्रिप्ट) सीख कर ही हल किया. उस के लिए टाइपिंग ट्यूटर भी उपलब्ध है. पन्द्रह दिनों में समस्या अभ्यास हो जाता है। इस की बोर्ड पर अभ्यास कर लेने पर गति भी अधिक मिलती है। हालाँकि रेमिंगटन के अभ्यास का भूत काफी दिनों तक परेशान करता रहता है। पर शास्त्री जी की राय तुरंत फलदायी है। मेरे वाले रास्ते में कठिनाइयाँ अधिक हैं।

  2. लेकिन आज सारथी में क्‍या गड़बड़ है? पूरा बॉक्‍स ओवरलैप हो रहा है. महत्‍वपूर्ण जानकारी है यह.

  3. शास्त्रीजी, शायद मैं अपनी बात ठीक से नहीं रख पाया। मैंने कभी फ़ॉयर फ़ॉक्स के इस्तेमाल ही नहीं किया है, इसलिए यहाँ जिन चिट्ठों में समस्या का उल्लेख हुआ है वे भी इंटरनेट एक्स्प्लोरर पर ठीक दिखाई दे रहे हैं।
    आपने आवरण बदलने का कहा है, आप शायद टेम्पलेट को आवरण कह रहे हैं।
    यहाँ दी गई जानकारी से ऐसा लगता है कि रेमिंग्टन कीबोर्ड से लिखे गए चिट्ठों में ये समस्या है, क्या वास्तव में ऐसा ही है?

  4. आपकी जानकारियां बहुत उपयोगी लगीं। काफी कुछ सीखने को मिला। कृपया एक लेख इस बाबत लिखें कि ब्लॉग बनाने की प्रक्रिया, विभिन्न साइट्स पर पंजीकरण, अधिक पाठक कैसे मिलें, कैसें दूसरों के सम्पकॆ में आएं। हालांकि यह छोटी सी बात होगी, लेकिन हमारे जैसे नवांकुरों के लिए बहुत बड़ी बात। क्योंकि फिलहाल हम सिफॆ पढ़ ही रहे हैं, लिख नहीं पा रहे हैं।
    धन्यवाद

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