मेरे कई पाठकों ने आग्रह किया है कि मैं अपनी पसंद के चिट्ठों पर एक लेखन परंपरा लिखूं एवं पसंद के चिट्ठों पर अपनी समीक्षा दूं. चिट्ठों को पसंद करना आसान है लेकिन उसे सब के सामने बताना आसान नहीं है. हमेशा इस बात की संभावना रह जाती है कि कुछ अच्छे एवं उल्लेखनीय चिट्ठे छूट जायेंगे. लेकिन दूसरी ओर यदि मैं इस तरह की एक लेखन परंपरा हर साल लिखूं तो शायद मेरे बहुत से मित्रों को चिट्ठा-चुनाव में आसानी हो जायगी. अत: उम्मीद है कि सन 2008 से अब मैं हर साल इस तरह की एक लेखन परंपरा लिखूंगा. (उम्मीद है कि मैं और मेरा चिट्ठा अगले साल भी कायम रहेगा).
मेरा पठन काफी व्यापक है, तथा उसे क्रमबद्ध तरीके से बताने के लिये मैं ने अपनी पसंद के चिट्ठों को निम्न श्रेणियों में विभाजित किया है:
1. विचारोत्तेजक चिट्ठे
2. विश्लेषणात्मक चिट्ठे
3. प्रेरणादायक चिट्ठे
4. संगणक-तकनीकी चिट्ठे
5. विषयकेंद्रित/विषयाधारित चिट्ठे
6. युवा तुर्कों के चिट्ठे
7. काव्य (जिन पर मुख्यतया काव्य प्रकाशित होता है)
8. स्त्रीरत्नों के चिट्ठे
9. चिट्ठे जो उभर सकते हैं
10. कम सक्रिय चिट्ठे
11. अन्य
इन में से स्त्री रत्नों के चिट्ठों को अलग देने पर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन दो कारणों से मैं ऐसा कर रहा हूँ. पहली बात, इस समय हिन्दी चिट्ठाजगत में स्त्रीलेखन मुख्यतया सामाजिक/पारिवारिक जीवन पर आधारित है. दूसरी बात, शायद व्यक्तिगत कारणों से इन में से कोई भी सक्रिय पुरुष चिट्ठाकारों के समान नियमित रूप से नहीं लिखते हैं. अत: फिलहाल इनको अलग श्रेणी में रखना ही मुझे उचित लगा.
मुझ से कई लोगों ने यह भी पूछा कि यदि मुझे सिर्फ एक चिट्ठा पढने की अनुमति दी जाये तो मैं किस चिट्ठे को चुनूंगा. मेरा उत्तर एकदम स्पष्ट है — लेकिन इसे देखें मेरे कल के लेख में जहां मैं इस चिट्ठे का नाम एवं इसे पसंद करने का कारण व्यक्त करूंगा. [शास्त्री फिलिप का कार्टून टी सी चंदर द्वारा]
इंतजार है.
समीक्षाओं से हमें भी कुछ नए चिट्ठों को पढ़ने को प्रेरणा मिलेगी।
intejaar rahega
अच्छी समीक्षा हमेशा लेखन को बढावा देती है ..इंतज़ार रहेगा मुझे भी 🙂
हमें भि इंतजार है।
कार्टून बहुत बढ़िया बना है। 🙂
हमें भी इंतजार है।
कार्टून बहुत बढ़िया बना है। 🙂
इंतजार रहेगा!!
कार्टून तो है!!
कार्टून तो मस्त है*
इससे लिखने और पढने वालों दोनों को लाभ मिलेगा .प्रतीक्षा है आपकी समीक्षाओं की .
अब तो कल तक इंतजार करना ही पड़ेगा।
और कार्टून बहुत अच्छा लगा। 🙂
कार्टून बहुत अच्छा बना है.
प्रतिक्षा है.
आतुर हैं आपकी पसंद जानने को। इस कार्टून को स्थायी तौर पर अपने चिट्ठे पर जगह देनी चाहिए।
मस्त है। मेरा तो चित्त प्रसन्न हो गया। इसे देखने रोज़ आपके द्वारे आया करूंगा।
बहुत अच्छा विचार है। जल्दी शुरू करें।
ताडने वाले भी कयामत की नज़र रखते हैं.
आपकी नज़र वैसे भी बहुत पैनी है. मैं तो समझता हूं कि जिसने आप की सूची में स्थान पा लिया, समझो सारे सम्मान पा गया.
कल का इंतज़ार … लम्बा तो है पर ….
मेरी तो यही सदीच्छा थी, कि इस विषय पर आप अपनी महत्वपूर्ण राय दें, मेरे ब्लॉग पर माह दिसम्बर में आपने अपनी एक टिपण्णी के दौरान ऐसी पहल करने का संकेत दिया था , तबसे मैं लगातार प्रतीक्षारत हूँ ! मैं समझता हूँ कि आपकी पैनी नज़र निश्चित रूप से ब्लॉग जगत में एक नई क्रांति की प्रस्तावना में सहायक सिद्ध होगी , अग्रिम बधाईयाँ !
सचमुच कार्टून गज़ब का है…:)
मेरे चिट्ठे को पहला नम्बर कतई स्वीकार्य नहीं है
और न ही मैं पहले नम्बर पर आने के लिये युक्ति भिड़ा रहा हूं
कहो मित्रों कैसी रही ?
वो साईड बार के 30 में से भी नहीं होगा
ऐसा भरोसा है.
कोई नया ही चाहिये.
शास्त्री जी कार्टून बहुत जोरदार है और आपकी पसंद के बारे में जानने का इंतजार है.
उक्त 11 वर्गों के बाहर भी कुछ बचे हैं? नहीं तो हमारा ब्लॉग कहां गया?!
सच में हास्य चित्र काफी अच्छा लगा
आप की समीझा पढ़ने के लिए तो हम भी बेकरार हैं। फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि हमने आप की ये पोस्ट बहुत दिन बाद देखी है और आप की समीझा शुरु हो चुकी है लेकिन पहली पोस्ट से पढ़ना चाहती थी इस लिए नंबर वन पोस्ट पर आयी अब जा रही हूँ, नंबर दो की पोस्ट पढ़ने, वर्गीकरण बहुत अच्छा लगा।