आपकी समस्याये 004 — प्रश्न: मेरे पति को हिन्दुस्तान एवं हिन्दुस्तानी नाम से चिढ है. वे हमेशा कोट-टाई में ही रहते हैं एवं सोते समय भी नाईट-ड्रेस ही पहनते है. उनको हर तरह के हिन्दुस्तानी परिधान, भोजन आदि से चिढ है. मैं समझाने की कोशिश करती हूँ तो वे चिढ जाते हैं. बच्चों पर अभी इसका असर नहीं हुआ है, लेकिन पता नहीं वे कब बदल जायें. मुझे क्या करना चाहिये.
उत्तर: सबसे पहले तो वादविवाद द्वारा अपने पति को सुधारने की कोशिश बंद कर दीजिये, कहीं ऐसा न हो कि आप पतिबच्चों दोनों की खीज का पत्र बन जाये.
हिन्दुस्तान एवं हिन्दुस्तानी चीजों से चिढ एक प्रकार की हीन भावना है जो एक लाइलाज बीमारी के सामान कई लोगों को ग्रस लेती है. उनको समझानासुधारना आम व्यक्ति के वश की बात नहीं है क्योंकि उनके पास आपकी हर प्रस्तावना का (छद्म) काट रहता है. आप उनसे उलझी रहेंगी तो उनको सुधारना तो दूर, आप चिडचिडी हो जायेंगी, बच्चे भी आप से कटने लगेंगे. इसके बदले आपको अपना सारा ध्यान अपने बच्चों पर देना चाहिये.
आपने लिखा है कि अभी तक बच्चों पर आपके पति की सोच का असर नहीं हुआ है. अच्छी बात है. अब आप सारा समय अपने बच्चों को अपने भारतीयता पर गर्व करना सिखाये. इसे महज भाषणबाजी के द्वारा न करें. न ही बच्चों को यह लगना चाहिये कि आप पतिदेव को छोड कर अब बच्चों पर पिल पडी है. चूंकि इस विषय पर आपके परिवार में इस विषय पर वादविवाद का एक माहौल बन चुका है अत: जो कुछ करें उसे सामान्य जीवन के साथ तालमेल बिठा कर उसके एक हिस्से के रूप में करें.
उदाहरण के लिये आपके बच्चे किताबों के शौकीन हैं तो उनको अन्य किताबों के साथ भारत एवं भारतीयता के प्रति प्रेम जगाने वाली किताबें दें. यदि आपको पकाने का शौक है तो विभिन्न भारतीय व्यंजन बना कर बच्चों को दें एवं वे कुछ पूछें तो उस प्रदेश के अन्य व्यंजनों के बारें मे बतायें. उनको इतिहास का शौक है तो भारत के महान शासकों के बारें में बताये. उनको अजायब इस तरह भारत एवं भारतीयता को जीवन का एक अभिन्न अंग बना कर उनके देशप्रेम एवं भारतीयता को जागृत करे. एक बार आपने इस दिशा में सोचना शुरू कर दिया तो असंख्य तरीके आपको नजर आ जायेंगे.
परामर्श के लिये कृपया अपने प्रश्न बिना नाम एवं परिचय के इस चिट्ठे के दाईं ओर दिये गये फार्म द्वारा सारथी को भेजें!!
बिलकुल सही सलाह दी आप ने। यही एक मात्र रास्ता है जो सही दिशा में जाएगा।
आज के समय में परामर्श देना भी एक बड़ा काम है. शुक्रिया