हिन्दुस्तानी एकेडेमी को उसके पुराने जालस्थल पर सक्रिय रखने में कुछ तकनीकी बाधा उत्पन्न हो गयी है। लेकिन निराश न हों, इसका नया ठिकाना बस यहाँ क्लिक करते ही मिल जाएगा। कष्ट के लिए खेद है। धन्यवाद!
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
हिन्दी, हिन्दुस्तान, और ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का ब्लाग
हिन्दुस्तानी एकेडेमी को उसके पुराने जालस्थल पर सक्रिय रखने में कुछ तकनीकी बाधा उत्पन्न हो गयी है। लेकिन निराश न हों, इसका नया ठिकाना बस यहाँ क्लिक करते ही मिल जाएगा। कष्ट के लिए खेद है। धन्यवाद!
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
सिर्फ हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है!
आईये राजभाषा का प्रचार-प्रसार तन मन धन से करें!
रोज हिन्दी अखबार पढें, हर महीने कम से कम एक हिन्दी पत्रिका पढें,
महीने में कम से कम एक हिन्दी पुस्तक जरुर खरीदें!
वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम्
मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्।
वन्दे मातरम्।
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥
आदरणीय शास्त्री जी, आपको कोटिशः धन्यवाद। मुझे यहाँ से जो सम्बल मिल रहा है, उससे मेरी ऊर्जा कई गुनी बढ़ गयी है। हार्दिक आभार!
जानकारी के लिए आभार.