बचपन की याद अभी भी है जब “ऐ मां तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी” हर किसी के जुबां पर थी. मुझे लगता है कि इन पंक्तियों को हम ने बहुत जल्दी भूला दिया.
माँ चिट्ठा मानवजीवन में मां के महत्व एवं योगदान को याद करने के लिये चालू किया गया है. इसमें मातृत्व के हर पहलू को शब्दों, चित्रों, एवं हर तरह के माध्यम की सहायता से उजागर किया जायगा.
कृ्पया दो क्षण आज मां चिट्ठे पर बिताने का कष्ट करें!!
(शीर्षक पर क्लिक करने पर टिप्पणी-पट आपके समक्ष आ जायगा)
Picture: Deivis ArticlePedia | Indian Coins | Sarathi
मां पर पढ़ना अच्छा लग रहा है। मुझे मेरे ईमेल में इस साइट पर कुछ लिखने के लिए आमंत्रण मिला है। शीघ्र ही कुछ लिखने की कोशिश करती हूं।
सारथी का नया लुक अच्छा लगा।
मेरी माँ दो साल पहले चल बसी थी।
उनकी याद में कुछ महीने पहले अनिता कुमार के ब्लॉग पर एक पोस्ट लिखा था।
अंग्रेज़ी में लिखा था।
anitakumar-chirpings.blogspot.com पर पढ़ा जा सकता है।
if its possible then please try to make a post on virgin mother Rev Mother Mary .
बहुत ही अच्छी शुरुआत।
आपका ब्लॉग भी कुछ नया-नया सा लग रहा है।
शुक्रिया शास्त्रीजी, वहां अकसर फेरा लग रहा है। अच्छी बातें पढ़ने को मिल रही हैं।
आपके ब्लाग की सज्जा और नया रंग रूप लुभावना है।
बहुत दिनों से इच्छा थी कि कहूं , सारथी रंगरूप बदलिये, सो बिनकहे ही मुराद पूरी हो गई।
ओह, कोई पिताओं का ब्लॉग भी बनाये!
बहुत खूबसूरत, सारथी का नया रूप सुखकर है !
आभार लिंक के लिए.
आपका आभारी हूँ की आपने मेरे ब्लॉग पे आके मेरा उत्साह वर्धन किया. मैं अभी पहली बार आपका ब्लॉग पढ़ रहा हूँ, क्योंकि मैं नया हूँ. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है कि जिस तरह से आपने इतने बेहतरीन संग्रह को अछे तरीके से संवारा hai.
meri maa per kabhi maine dhyan hi nahi dia. per jab mera beta padne mujhse duur bahar gaya hai, meri to rulai he band nahi ho rahi. kuch bhi bhawukta bhare lamhei meri antaria jala detai hai . aab samjhi hu maa ka pyar