बहन ने गंदी आदत सिखाई?

सारथी को काफी सारे प्रश्न रोज मिल रहे हैं, लेकिन इन में से कई का परामर्श से कोई लेनादेना नहीं है. उदाहरण के लिये, ऊंट किन देशों में पाये जाते है!! इस तरह के प्रश्नों को हम नजरअंदाज कर रहे है. कृ्पया ऐसे प्रश्न भेजें जहां आपको व्यक्तिगत, पारिवारिक, मानसिक, या सामाजिक समस्याओं में परामर्श की जरूरत है.

प्रश्न: मै 22 साल का युवा हूँ. मेरे दीदी मुझ से 16 साल बडी है. बचपन में उन्हों ने मुझे गलत आदत सिखा दी. अब उनकी तो शादी हो गई, लेकिन मैं अपने आप पर नियंत्रण नहीं कर पाता हूँ.  मैं जानता हूँ कि यह गलत है, अत: मुझे मेरी इस आदत से मुझे बचाईये.

उत्तर: अच्छा हुआ दोस्त कि आपने कम से कम अभी पहल करके मदद मांगी, जबकि आपको तो बहुत पहले ही किसी परामर्शदाता से मिल लेना चाहिये था. यह तो निश्चित है कि क्या सही है क्या गलत है यह समझ तो आपको काफी साल पहले ही आ गई थी. तब आपने पहल कर दिया होता तो अच्छा रहता, लेकिन कोई बात नहीं. देर आये दुरुस्त आये.

चूंकि आप समझ ही चुके हैं कि आपकी आदत गलत है, अत:  सबसे पहले तो बता दूँ कि वह कौन सी आदत है जो आपके जीवन में है उसे जानने की मुझे जरूरत नहीं है. बल्कि अब तो गलती-सुधार की चर्चा करने का अवसर है.

इस बात को समझ लीजिये कि कोई भी आदत जो सालों से पडी है उसे दूर करने के लिये काफी श्रम करना होगा. सबसे पहले आपको यह पहचानना होगा कि किस तरह के मौके, किस तरह की बातचीत, सोच आदि आपको यह कार्य करने को प्रेरित करती है. उसके बाद इन बातों से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिये. उदाहरण के लिए यदि टीवी के कारण आप अपने मन का नियंत्रण या संयम खो देते हैं तो टीवी से दूर रहे. अपनी जिंदगी को खो देने से बेहतर होगा कि आप कुछ क्षण के मनोरंजन को त्याग दें.

अकेले समय बिताने से बचें. पढाई, सात्विक शौक, एवं सामाजिक कार्यों को जम कर समय दें. खूब चलें, दौडें, या व्यायाम करें जिससे शरीर की अतिरिक्त ऊर्जा सही दिशा में खर्च हो एवं बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जायें. क्रमश: यह आदत आप से दूर हो जायगी.

नोट: आजकल माध्यमों ने लोगों के मन इस तरह कलुषित कर दिये हैं कि लोग रिश्ते की मर्यादाओं को भूलने लगे हैं. भाई बहिन एवं बहिन भाई को गलत कार्य करने की प्रेरणा देते है. यह जरूरी है कि मांबाप अपने बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करें जिससे जैसे ही उनको कोई बात गलत या संशयास्पद लगे तो वे मां बाप को तुरंत बता सकें. इस तरह मर्ज हो जाने के बाद कठिन इलाज करने के बदले मर्ज को काफी दूर से ही देख कर बचा जा सकता है.

टिप्पणियां

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Author: Super_Admin

10 thoughts on “बहन ने गंदी आदत सिखाई?

  1. सबसे पहले प्रश्नकर्ता को साधुवाद कि उन्होनें अपनी समस्या को पहचाना और उसे दूर करने का मन बनाया। इतना करते ही आधा काम पूरा हुआ समझिए। शेष रास्ता शास्त्री जी ने समझा ही दिया है। उसपर गौर करें। सफलता सुनिश्चित है। शुभकामनाएं।

  2. शास्त्री जी लगता है दिल्ली के गुप्त इलाज वालों का पत्ता गोल करके ही रहेंगे -उन बिचारों को भी खाने कमाने दें !

  3. आपने जो समाधान दिया वह तो अपनी जगह बिल्कुल उपयुक्त है पर मुझे लगता है कि प्रश्न/समस्या मनगढ़ंत है. दोनों के आयु के अंतर से मै यह सोचने के लिए वाध्य हुआ.

  4. अब फ़िर आ गया हूँ आप को पढने के लिए, आख़िर मेरे लिए भीष्म पितामह सरीखे तो आप ही हैं, अब मैं अर्जुन सा हूँ या नहीं, आप जानें. 🙂
    बहुत सही बात कही है आप ने, ये टीवी ही है जो हमारे समाज को खोखला बना रही है.

  5. achha aur sarthak jawab hai, aajkal rishton ki maryadayen kuch zyada hi bhang ho rahi hai, in par ankush lagana utna hi zaroori hai jitna ki kutte k katne par teeke lagwana….thanks
    -ALBELA KHATRI

  6. आज कल कम्प्युटर और इन्टरनेट का जाल घर-घर तक पहुंच रहा है। और साथ ही पहुंच रही है अश्लिलता।
    मैं जानना चाहता हु कि आप इस अश्लिलता को रोकने के लिये क्या कदम उठा रहे है तथा आम आदमी इस मे क्या सहयोग कर सकता है, ताकि आने वाली पीढी इससे बच सके।

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