हिंसक पति: पत्नी क्या करे — 2

कल हिंसक पति: पत्नी क्या करे? में मैं ने वह प्रश्न दिया था जिसका उत्तर मैं इन दोनों आलेखों में दे रहा हूँ.  जिस तरह से एक डाक्टर का काम जीवनदान है, उसी तरह एक परामर्शदाता का लक्ष्य स्थाई “हल” है न कि स्थाई विध्वंस. अत: विवाह-विच्छेद को हम सिर्फ आखिरी हल के रूप में देखेंगे.

स्त्री एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं. एक नट एवं उसके लिये उपयुक्त बोल्ट को एक दूसरे से जोडा जाये तो वे पूरक का काम बहुत अच्छी तरह करते हैं. लेकिन मनुष्य निर्जीव यंत्र नहीं है अत: आपस में पूरक होते हुए भी कई बार पति पत्नी को तमाम तरह के त्याग करने पडते हैं जिससे कि दिन प्रति दिन उनका आपसी समन्वय बढता रहे. इस नजरिये के साथ अब आपके सखी की समस्या कों हम निम्न बिंदुओं की मदद से आगे देखेंगे.

1. आपकी सखी के पति को कई तरह से सजा दिलाई जा सकती है, लेकिन उसके पहले कोशिश करें कि हो सके तो वह परिवार ठीक से चल निकले या जुड जाये.

2. जिस तरह सिद्धार्थ (युवा गौतम बुद्ध) ने अपने भाई से कहा था कि “जीवन लेने वाले से जीवन देने वाला बडा होता है” उसी तरह किसी समस्याग्रस्त परिवार को तोड, छिन्नभिन्न करके उनको एक अनिश्चित भविष्य की तरफ धकेलने के पहले इस बात की कोशिश करनी होगी की वह परिवार स्वस्थ हो जाये.

3. इस कारण सबसे पहले अपनी सखी से पूछें कि वे पति को सजा दिलाना चाहती हैं, लेकिन उसे हमेशा के लिये अलविदा कहना चाहती हैं क्या. अधिकतर स्त्रियां एकदम कहेंगी कि पति को उसकी करनी का फल मिलना चाहिये, लेकिन यह भी कि जिस परिवार को उन्होंने अपने हाथों द्वारा सींच कर बडा किया है उसे वे खंडित नहीं करना चाहतीं.

4. यदि ऐसा है तो जांचें कि उसके पति ने ऐसा एकाध बार किया है या आदतन किया है. यदि एकाध बार आत्मनियंत्रण खोने के कारण किया है तो उनमें आपस में सुलह की कोशिश करें. इसके लिये किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लें जिसको वह पुरूष मानता हो या जिससे वह डरता हो.

5. यदि उसे मारपीट की आदत पडी हो, लेकिन यदि आपकी सखी उसे नहीं छोडना चाहती हो तो उस आदमी को सुधारने के लिये (उस पर नियंत्रण रखने के लिये) कुछ कडाई करनी पडेगी. इसके लिये किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लें जिसको वह पुरूष मानता हो या जिससे वह डरता हो. कानून की मदद भी ली जा सकती है जिससे उसे पता चल जाये कि आईंदा हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी.

6. यदि वह मद्यपान या इस तरह के किसी अन्य कारण से हिंसक हो जाता है तो किसी ऐसे व्यक्ति की मदद लें जिसको वह पुरूष मानता हो या जिससे वह डरता हो एवं जिसके कहने पर वह मद्यापान की चिकित्सा के लिये तय्यार हो जाये.

7. हो सके तो आपकी सखी को अपने आय के लिये कोई रास्ता ढूढ लेना चाहिये क्योंकि वह अपने पैरों पर खडी हो सके तो उसे काफी फायदे होंगे.

8. पहले ये सारे रास्ते तलाश कर लें. परिवार को तोडना आसान है लेकिन एक सुखद परिवार का निर्माण या उसकी स्थापना बच्चों का खेल नहीं है.

9. हल के सारे रास्ते तलाशने के बावजूद यदि वह पुरुष अपने रास्ते पर नहीं आता है तो आपकी सखी को कुछ समय अलग रहना चाहिये. यदि उसके पास अपने खुद की आय का जरिया हो, या उसे उसका कोई परिवारजन (पिता, भाई, पति के परिवार वाले) इस कार्य के लिये मदद करने को तय्यार हो तो यह हो सकता है.

10. दो से तीन साल इस तरह रहने, एवं हर तरह की कोशिश करने के बावजूद भी,  यदि उसके पति में किसी भी तरह का सकारत्मक परिवर्तन नहीं दिखता है तो वह विवाह विच्छेद की कोशिश कर सकती है.

11. याद रखें, विवाहविच्छेद बहुत आसान है. लेकिन अधिकतर मामलों में इसका फल वह नहीं हो पाता जो लोग सोचते हैं. अत: किसी जानकार परामर्शदाता, परिवारजन आदि से पुन: सलाह ले लें. विवाह/तलाक आदि के विशेषज्ञ किसी वकील से भी सलाह ले लें. तलाक की पैरवी करना उनके लिये आय का जरिया है, लेकिन उन में से कई लोग आय से अधिक परिवार को जोडने पर जोर देते हैं. वे शायद आपको सबसे पहले परिवार-अदालत में जाने का सुझाव दें. ऐसा हो तो जरूर उनकी बात मान लें.

हर ओर तलाक बढ रहे हैं. लेकिन यदि तलाक हर वैवाहिक समस्या का हल होता तो आज दुनिंयां एक बहुत सुदर जगह होती. उल्टे जिन देशों में आसान तलाक की व्यवस्था है उन देशों में पारिवारिक जीवन की हालत भी सबसे खराब है.  सब कुछ सोच समझ कर करें. हर कदम पर परामर्श जरूर लें.

इस परंपरा का पहला लेख: हिंसक पति: पत्नी क्या करे?

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Author: Super_Admin

3 thoughts on “हिंसक पति: पत्नी क्या करे — 2

  1. विवाह विच्छेद आसान नहीं है। उस में भी काफी समय लगता है। इस कारण यह तय कर लेना उचित होगा कि क्या वास्तव में एक स्वस्थ दाम्पत्य के बचे रहने की गुंजाइश है अथवा नहीं?

  2. पता नही मेरी बात का ताल्लुक पूरीतरह इससे है की नही पर इतना ज़रूर है की देश का कानून महिलाओं को ज्यादा सहूलियत देता है. आजकल कई महिलायें इसका ग़लत इस्तेमाल भी कर रही है जिससे कईयों की जिंदगी बर्वाद हो जाती है. अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो महिलाओ को कोई परेशां नही कर सकता

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