जाल से आय के लिये क्या करना है वह इसके पहले मैं कई बार बता चुका हूँ. इसके बावजूद मित्रों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया है. इस बीच कुछ हिन्दी चिट्ठाकारों ने आपसे में गूगल के विज्ञापनों को क्लिक करना शुरू कर दिया एवं इस कारण गूगल ने हिन्दी चिट्ठों पर विज्ञापन दिखाना ही बंद कर दिया है, जिसकी सूचना मैं ने अपने लेख नाईजीरियाई अपराध, हिन्दी चिट्ठे!! में दी है.
अब सवाल है कि आगे क्या हो. इसका उत्तर है कि आप फिलहाल अपनी चिट्ठाकारी जमायें, पाठक बढायें, एवं उस समय के लिये तय्यार रहें जब गूगल हिन्दी चिट्ठों पर पुन: विज्ञापन दिखाने लगे. लेकिन आप आज तय्यारी न करें तो आपको कल पाठक नहीं मिलेंगे, न विज्ञापन से आय होगी.
विज्ञापन की आय पाठक एवं पेज-पाठ के अनुपात में होता है. अनुमन है कि हिन्दी चिट्ठों पर प्रति 100,000 पेज-पाठ पर 20 से 50 डालर की कमाई हो सकती है, बशर्ते चिट्ठा विषयाधारित हो. पेज-पाठ का मतलब “हिट्स” नहीं बल्कि आपके कितने पेज पाठको ने देखे. प्रति माह 100,000 पेज-पाठ असंभव नही है एवं इसका ताजा उदाहरण है सारथी के सितंबर महीने का आंकडा.
ऊपर दिये गये चित्र मे आप देख सकते हैं कि सारथी पर सितंबर में 106,356 पेज-पाठ हुए, जिसका मतलब है कि यदि सारथी एक विषयाधारित चिट्ठा होता तो मैं ने सितंबर में 1000 से 2000 रुपये आराम से (बिना अतिरिक्त मेहनत के) गूगल विज्ञापन द्वारा कमा लिये होते. यदि आप को लगे कि यह अतिशयोक्ति है तो आप को बता दूँ कि पिछले 6 महीनों में मैं ने 4 अंग्रेजी चिट्ठों द्वारा हर महीने 25,000 रुपया प्रति माह से अधिक कमाया है – सब कुछ गूगल एड द्वारा, और वह भी मामूली विषयों पर आधारित चिट्ठों द्वारा. यदि इतनी मेहनत मैं ने तकनीकी चिट्ठे बनाने में किये होते तो आज आराम से 100,000 रुपया प्रति माह कमा रहा होता. इस नजरिये से मैं चार और अंग्रेजी चिट्ठे (तकनीकी) तय्यार कर रहा हूँ जो मेरी आय और अधिक बढा देंगे. जब कहा जाता है कि गूगल विज्ञापन से काफी आय हो सकती है तो उसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है एवं इसके लिये आप मेरी आय का उदाहरण ले सकते हैं.
आप कहेंगे कि आप अंग्रेजी चिट्ठा नहीं बना सकते. सही है, बहुत से लोग अंग्रेजी चिट्ठे नहीं चला सकते, नही मैं यह करने के लिये आप से कह रहा हूँ. बल्कि यहां अंग्रेजी का नाम सिर्फ आय प्रदर्शित करने के संदर्भ में आया है. अब सवाल है कि हिन्दी चिट्ठाकार क्या करे. मैं निम्न सुझाव देना चाहता हूँ:
1. तीन से चार हिन्दी चिट्ठाकार, जो कम से कम कामचलाऊ अंग्रेजी जानते हैं, यदि मिलजुल कर एक विषयाधारित अंग्रेजी चिट्ठा चालू करें एवं अंग्रेजी के Creative Commons तथा GFDL कापीराईट के लेखों को अन्य स्रोतों से लेकर नियमित रूप से अपने चिट्ठे पर पोस्ट करते रहें तो आराम से कई अच्छे विषयाधारित अंग्रेजी चिट्ठे बन सकते हैं. (इस पर एक पूरा आलेख अलग से आयगा).
2. इस बीच आप अपने हिन्दी चिट्ठे को लगातार जमाते रहें जिससे कि आपका मासिक पेज-पाठ 100,000 पन्ने को पार कर जाये एवं वहां भी आय होने लगे. एक बार आपका हिन्दी चिट्ठा आय देने लगे तो फिर आप लोगों पर निर्भर करता है कि अंग्रेजी चिट्ठे को आगे चलाना है या नहीं.
3. फिलहाल मेरा युद्धतंत्र तो यह है कि मैं अपने अंग्रेजी चिट्ठों से आय प्राप्त करूंगा तथा हिन्दी का काम तब तक बढाता रहूँगा जब तक मुझे कम से कम दस लाख पेज-पाठ प्रति महीना न मिलने लगे. मेरा अनुमान है कि शायद सन 2012 तक मेरी यह इच्छा पूरी हो जायगी.
अब आप पूछेंगे कि कि 100,000 पेज-पाठ प्रति महीना कैसे पायें. इसका एक ही तरीका है – सर्च इंजनों की मदद लें. सर्च इंजनों की मदद चाहिये तो आपको कम से कम हर दूसरे दिन एक लेख पोस्ट करना चाहिये, लेकिन हो सके तो हफ्ते में 5 से 7 लेख पोस्ट करना चाहिये. ये विषय महज एक तात्कालिक रुचि का विषय नहीं होना चाहिये बल्कि विविधता लिये हुए ऐसे विषय होने चाहिये जिसमें लोगों की हमेशा रुचि रही है.
अब जरा आंकडे देखिये कि सारथी ने विषयों के मामले में कैसी विविधता दिखायी है. जब से मैं ने काऊंटर लगाया है तब से जिन लेखों ने 200-पेज पाठ से अधिक प्राप्त किये हैं उनका आंकडा जरा देखें!! (सबसे अधिक पेज पाठ 5, 698 जिस लेख को मिला है वह मैं फिलहाल एक रहस्य रख रहा हूँ).
Title | Views |
---|---|
यह एक रहस्य है!! | 5,698 |
कैसी ग्लोबल वा | 2,257 |
बलात्कारी एवं | 1,693 |
.सारथी के सारे ल | 1,587 |
यौनाकर्षण, स्त | 1,249 |
मेरी पसंद के चि | 943 |
पीडीएफ-ईपुस्तक | 915 |
सारथी-परिचय | 888 |
यौनाकर्षण: स्त | 855 |
प्यार की प्यास 0 | 639 |
यौनजीवन: भारती | 569 |
वासनालोलुप हमा | 555 |
प्यार की प्यास 0 | 532 |
सन्दर्भ 3 | 479 |
सक्रिय-हिन्दी- | 476 |
बेटा जब समलैंग | 471 |
ये वादा है | 436 |
आसान हिन्दी शब | 406 |
हिन्दुस्तान जं | 405 |
जालजगत-लेख-औजा | 397 |
यौन शिक्षा, आलो | 396 |
यौनाकर्षण: स्त | 393 |
सारथी भारतीय-भ | 367 |
10 साल के बच्चे क | 359 |
प्यार की प्यास 0 | 350 |
लाखों अमरीकी य | 345 |
यौन शिक्षा — पा | 341 |
नारीवादी महिला | 323 |
प्यार की प्यास 0 | 316 |
प्यार की प्यास 0 | 313 |
सरफरोशी की तमन | 303 |
स्वतंत्रता दिव | 293 |
इस जालचोरी के प | 280 |
बहन ने गंदी आदत | 280 |
आदरसूचक शब्द: भ | 278 |
प्रकृति | 275 |
मेरी पसंद के चि | 255 |
विज्ञान और ईश् | 254 |
नंगा होता हमार | 253 |
विषय एक रहस्य! | 233 |
मनोहर कहानियां | 214 |
पुरुष क्यों स् | 205 |
मेरी पसंद के चि | 200 |
सारथी के कई मित्र पूछते रहते हैं कि सारथी पर इतने पाठक कैसे आते हैं. उत्तर जरा ऊपर देख लीजिये – विषयों की विविधता है पहला रहस्य. मुझे सितंबर में गूगल अकेले ने 10,000 से अधिक पाठक दिये. कारण – विषयों कि विविधता!!
दूसरा रहस्य है खोज यंत्रों पर अपने चिट्ठे की कडी देना. सारथी ने अभी यह कार्य चालू नहीं किया है, लेकिन 1,000,000 पेज-पाठ प्रति महीने के लक्ष्य के लिये जनवरी से यह कार्य चालू करने का इरादा है.
दोस्तों, सफलता के लिये मेहनत एवं सही युद्धतंत्र जरूरी है. ये दोनों चीजें कुछ चुने लोगों की बपौती नहीं है. आप भी यह कर सकते हैं.
यदि आपको टिप्पणी पट न दिखे तो आलेख के शीर्षक पर क्लिक करें, टिप्पणी-पट लेख के नीचे दिख जायगा!!
आप जरा सोचें!
आप ने अपने चिट्ठे पर लिखा है..
“हिन्दी, हिन्दुस्तान एवं ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का बौद्धिक शास्त्रार्थ चिट्ठा!!”
पर आप का यह और इस से पिछला आलेख क्या हिन्दी चिट्ठाकारों को जबरन हिन्दी से अंग्रेजी की और नहीं ढकेल रहा है?
आपको बधाई.. और साधु्वाद मार्गदर्शन ्हेतु
@दिनेशराय द्विवेदी
बहुत अच्छा प्रश्न है दिनेश जी.
मेरा मुख्य लक्ष्य यह है कि जिस तरह मुझे मेरे अंग्रेजी चिट्ठों से होने वाली आय हिन्दी की सेवा करने में मदद करती है उसी तरह से कुछ अन्य हिन्दी चिट्ठाकार भी कर सकते हैं.
आय का जरिया कहीं भी ढूंढा जा सकता है, एवं आय हो तो धडल्ले से अपने इच्छा के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है!!
सस्नेह — शास्त्री
धन्यवाद. नया-नया होँ, पर कोशिश करूँगा. पैसा मिला तो हिन्दी- हिन्दुस्थान-हिन्दू संस्कृति पर खर्च करना है.
धन्यवाद.
आपकी लिस्ट के मुताबिक कुछ शब्द… बलात्कारी, यौनाकर्षण, यौनजीवन, वासनालोलुप, प्यार की प्यास, समलैंगिक, मनोहर कहानियाँ, गंदी आदत… आदि हैं, क्या चिठ्ठा हिट करवाने के लिये टाइटल भड़काऊ और ललचाऊ होने चाहिये, या फ़िर चिठ्ठे का मटेरियल अच्छा होना चाहिये, इस प्रकार के टाइटलों पर तो अधिक हिट्स आना स्वाभाविक ही है…
accha likha aapne. per leKan ke liye jaruri hai vishay ki jankarI kevl logon ko aap kuch samay tak bhale hi bhadka skte hai uske baad nahi.
@Suresh Chiplunkar
इन शब्दों का होना जरूरी नहीं है. यह संयोग की बात है कि मेरे चिट्ठे पर इन विषयों पर लेख हैं एवं सर्च एंजिनों ने इन विषयों पर खोज करने वालों को ये लेख उपलब्ध करवा दिये.
सर, आपका यह लेख अच्छा लगा.. मगर मैं सुरेश जी कि बातों से सोच में जरूर पर गया.. मैंने अपने ब्लौग पर अपनी भाभी के ऊपर एक पोस्ट और एक पोस्ट ब्लू फिल्म के ऊपर लिखी थी.. आज मुझे बस यही दो पोस्ट लगभग 200-450 हिट्स प्रतिदिन दे रहा है.. अब ये बात और है कि लिखने की वजह उस समय कुछ और ही थी..
इसमे कोई शक नही की शास्त्री जी बहुत ही दूरदर्शी है और अपनी दूरदर्शिता से दूसरो का भी तहेदिल से भला चाहते है. आज के ज़माने मे ऐसे लोग बहुत ही कम मिलते है. आगे भी आपसे इस मार्ग दर्शन की उम्मीद सभी को रहेगी. आपके लिखो से हिन्दी चिट्ठा भाइयों को थोडी सी सदबुधी ज़रूर आएगी खास तौर पर उनको जो एक दिन मे ही मुर्गी को काट कर सारे अंडे निकल लेना चाहते है.
कृपया बताएं की हर पोस्ट पर काऊंटर कैसे लगाया जाता है
आपके चिटठे पर वास्तव में विविधता है। यह एक कुशल लेखक एवं रणनीतिकार ही कर कर सकता है।
आपमें यह दोनों गुण हैं, इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं।