संस्कृति !!

उन्हें
अपनी संस्कृति से है
बेहद प्यार.

अत: बीबीसी एवं
सीएनएन
द्वारा प्रस्तुत कोई भी
"देसी" प्रोग्राम
कभी नहीं करते हैं मिस.

प्रगति
वे बोले
ताज्जुब है कि
नयागांव अभी भी
है पिछडा.

ढेर से वायदे,
अनगिनित हवाई किले,
सैकडों कागजी कूंए,
बात बात पर उन के लिये
नई नई घोषणाये,
एवं साल में कम से कम
दीवाली पर राशन,
सभी तो हम ने दिलाये हैं.

कितनी प्रगति हुई है हमारे
खुद के जीवन में इस बीच.
जो हम कल तक नहीं थे,
वे आज हो गये है.

फिर क्यों नयागंव
अभी तक है पिछडा.
जरूर जनता में ही
होगी कोई कमी .

चिट्ठाजगत पर सम्बन्धित: व्यंग, काविता, काव्य, व्यंग-विधा, सारथी, शास्त्री-फिलिप, humour, satire, hindi, poem, hindi, humor,

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Author: Super_Admin

10 thoughts on “संस्कृति !!

  1. सही कहा आपने, वोट तो हमी देते है और बार बार चुनते है अपना प्रतिनिधी उसके बाद वो हमे भूले उससे पहले हम उन्हे भूल जाते है…

  2. सही कहा आपने गलती तो जनता की ही है कि जो ऐसे झुटें प्रतिनिधि चुनती है |

  3. ५ साल तक अपनी गलती को महसूस करते है
    लेकिन वोटिंग वाले दिन फिर ५ साल के लिए वही गलती करते है
    क्योकि वादे और सपनो को हकीकत होते देखने की इच्छा करते है

  4. “उन्हें
    अपनी संस्कृति से है
    बेहद प्यार.

    अत: बीबीसी एवं
    सीएनएन
    द्वारा प्रस्तुत कोई भी
    “देसी” प्रोग्राम
    कभी नहीं करते हैं मिस.”

    ऐसा करके वे
    इन देशी प्रोग्रामों की
    रेटिंग बढ़ा देंगे
    और धीरे धीरे
    कालांतर में इन चैनलों को ही
    देशी बना देंगे.

  5. आभार नहीं किया था .
    आभार इस प्रविष्टि के लिए .
    धन्यवाद ज्ञापन मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ. इससे लगता है कोई बोझ उतर गया.

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