मेरे अध्यापकों में से एक थे डॉ कमल वशिष्ठ. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रभाव में चालू किये गये राष्ट्रीय अनुशासन योजना के अंतर्गत ये हमारे विद्यालय में पदस्थ हुए थे. आते ही इन्होंने विद्यालय के अनुशासन का कायापलट कर दिया था.
चौसठ कलाओं के पारंगत वशिष्ठ सर अकसर विद्यार्थीयों को कई प्रकार के सुझाव दिया करते थे. जब मैं छटी में पढता था तब एक बार उन्होंने सुझाव दिया कि आईंदा हम में से हर कोई शालेतर जीवन में अपने साथ एक छोटा सा थैला रखने की आदत डाल लें. उस थैले में एक पुस्तक, एक डायरी, व एक पेन रखें. जब जब समय मिले तब तब उस पुस्तक को पढें और महत्वपूर्ण बातें डायरी में नोट करते जायें.
मैं ने तुरंत ही इस बात पर अमल करना चालू कर दिया और उस दिन से लगभग तैंतालीस साल के बाद भी यह आदत जारी है – मैं जहां भी जाता हूँ वहा मेरा थैला, डायरी, और पेन साथ चलते हैं. इस सुझाव के मिलने के बाद के 43 सालों में इस आदत ने मेरी काया पलट दी है. सामान्य से सैकडों अतिरिक्त पुस्तक इस कारण पढ सका. नुक्कड पर किसी का इंतजार हो रहा हो, स्टेशन पर बैठे हों, रेलगाडी में सफर कर रहे हों, तो पुस्तक बाहर आ जाती है. मन को मिलने वाले प्रोत्साहन डायरी में नोट हो जाते हैं. हजारों लेखों के विषय इस तरह डायरी में नोट होते गये और अब ये डायरियां मुझे विषय और दिशा देती जाती हैं.
हम में से हरेक को हमेशा समय की कमी रहती है. लेकिन हम लोग भूल जाते हैं कि टपकते पानी के समान, बूँद बूँद करके, हम समय बर्बाद करते हैं. यदि उस बर्बादी को रोक दिया जाये तो आज या कल तो कुछ नहीं होगा, लेकिन परसों आपको एक इन बूंदों द्वारा भरी टंकी आसानी से दिख जायगी. मुझ जैसे व्यक्ति को तो हर तरफ टंकियां ही नजर आती हैं — 43 सालों से भरता जो जा रहा हूँ.
सन 2009 में आप भी यह प्रण कीजिये कि एक छोटा सा थैला, एक पुस्तक, एक डायरी, एक कलम हमेशा साथ रखेंगे.
गुरुदेव डॉ कमल वशिष्ठ को मेरा नमन ! मैं ने आपके सुझाव को सर आखों रखा, और अब जम कर ब्याज पा रहा हूँ.
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Picture by thomwatson
ज्ञानदत्त जी को कभी अपनी ट्यूब खाली होने का भय सता रहा था -उन्हें आप से सीख लेनी चाहिए -कहां ट्यूब का टोटा और कहना ज्ञान से लबरेज टंकियां ! आप सचमुच प्रणम्य हैं !
सही सुझाव दे रहे हैं आप ! धन्यवाद !
सुझाव अच्छा था। सब टंकियां भर गयीं।
बड़ा अच्छा सुझाव है – प्रण को छोड़.
बहुत सुन्दर सुझाव है. आपके गुरुदेव को और आपको नमन!
शास्त्री जी नमस्कार,
आपके सुझाव बड़े ही प्रेरणादायक हैं.. देखता हूँ कोशिश करता हूँ.
शास्त्री जी नमस्कार,
आपके सुझाव बड़े ही प्रेरणादायक हैं.. देखता हूँ कोशिश करता हूँ. THANK U
बहुत सही …सही में मैंने बहुत सी किताब अभी तक इसलिए नही पढ़ पायी की मैं समय नही निकाल पाया….लकिन आपने सही सुझाव दिया है…
बहुत सुन्दर सुझाव है. आपके गुरुदेव को और आपको नमन!
और अब सारे लोग आयें मेरी मदद करने मेरे द्वार !!!!!
गुरु सदैव सच और सही कहता है, यह बात यहाँ साबित हो जाती है
—मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
I salute my teachers and also your’s one. Guru Govind dou khate kake lagoon pawn, Balihar guru aapro Govind diyo milaya.