नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 02

जैसा मैं ने अपने पिछले आलेख  नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 01 में कहा था, नॉल गूगल द्वारा स्थापित मुक्त विश्वकोश है जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी विषय पर लिख सकता है. एक ही विषय पर सौ लोग लिखते हैं तो भी गूगल को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि उनकी सोच यह है कि जो आलेख सर्वोत्तम होगा अधिकतर लोग उसे ही पढेंगे.

गूगल की सोच यह भी है कि यदि एक विषय पर चार अच्छे लेखक चार अलग लेख लिखते हैं तो पाठकों को चार अलग तरीके से लिखे लेख मिल जायेंगे और हर प्रकार के पाठक को फायदा मिलेगा. अत: हर समर्पित हिन्दी-प्रेमी और भारत-प्रेमी को इस अवसर का फायदा उठाना चाहिये. नॉल की कुछ विशेषतायें:

  1. आप अपनी पसंद के किसी भी विषय पर किसी भी लम्बाई का आलेख छाप सकते हैं. (इतना ध्यान रहे कि यह चिट्ठा नहीं बल्कि एक विश्वकोश या ज्ञानकोश है).
  2. चूंकि यह एक ज्ञानकोश है, अत: आप चाहें तो एक पूरी पुस्तक, उपन्यास आदि भी इस पर छाप सकते हैं.
  3. आप चाहें तो आपके आलेख में संशोधन का अधिकार अपने पास सुरक्षित रख सक सकते हैं, जिससे कोई अन्य व्यक्ति सिर्फ आपकी अनुमति से ही आपके आलेख में परिवर्तन कर सकता है.
  4. ऊपर दी गई सुविधा मुझे बहुत पसंद है क्योंकि विकिपीडिया पर आपके लिखे को कोई भी व्यक्ति कभी भी बदल सकता है और (कम से कम अंग्रेजी विकिपीडिया पर) कई बार अच्छे और आधिकारिक लेख बेवकूफों द्वारा मिटा दिये जाते हैं, लेकिन आप कुछ नहीं कर पाते. (अंग्रेजी विकिपीडिया पर मेरा पिछले 6 सालों का अनुभव).
  5. नॉल पर आप अपना गूगल विज्ञापन प्रदर्शित कर सकते हैं जिसकी आय आपके खाते में जायगी.

नॉल एकदम नई सुविधा है और हिन्दी मे नॉल पर अभी तक कोई खास काम नहीं हुआ है. मेरा सुझाव है कि मित्रगण knol.google.com पर जाकर पंजीकरण कर लें और उसके बाद लिखना शूरू कर दें. ड्राफ्ट में सहेजते जायें. जब आपका आलेख पूरी तरह से तय्यार हो जाये तो इसे छाप दें. छापने के बाद यदि आप इसका जालपता मुझे भेज दें तो मैं इसकी सूचना  Hindi Knol Coordination Project  (Portal) पर छाप दूंगा जिससे कि हम सब को आपस में पता लगता रहे कि कौन किस विषय पर कार्य कर रहा है.

यदि मित्रगण सीधे मुझ से संपर्क करें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ जिससे कि आप प्रभावी नॉल लिख सकें. मैं ने अंग्रेजी में 55 नॉल प्रकाशित किये हैं, और उनके आधार पर यह बता सकता हूँ कि हिन्दी में किन किन बातों का ख्याल रखा जाये कि आपका नॉल प्रभावी हो.

जो हिन्दी चिट्ठाकार नॉल पर हिन्दी की सेवा करना चाहते हैं उन से निवेदन है कि वे हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये स्थापित मेरे ईग्रूप पाणिनी से आज ही जुड जायें. इसके लिये HindiKnolWriters-subscribe@googlegroups.com पर एक खाली ईपत्र भेज दीजिये, आपका नाम अपने आप जुड जायगा. नॉल पर प्रभावी तरीके से लिखने के लिये हर तरह का मर्गदर्शन मार्च 2 से इस ग्रूप में आपको मिलने लगेगा!!

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Author: Super_Admin

8 thoughts on “नॉल: आईये हिन्दी के लिये कुछ करें — 02

  1. शास्त्री जी नाल पर मैं पहले से ही पंजीकृत हूँ पर आगे आप के साथ चलना चाहूंगा -अभी तो बिलकुल फुरसत नहीं है ! आप हिन्दी ब्लॉग जगत को एक सवस्थ मार्गदर्शन देने में जुटे हैं -अच्छा लग रहा है !

  2. हमने भी प्रारंभ में ही नाल ठुकवा ली थी. यह भी अंतरजाल का गूगल द्वारा प्रस्तुत एवं प्रचारित एक उत्पाद है. जैसे हर उत्पाद का कोई न कोई पसंद तो करता ही है वैसे ही यह भी कुछ लोगों को रास आएगी.

  3. बहुत बढिया जानकारी. पर हमको जुडना कैसे है? ये कवायद करके आपको सूचित करते हैं. क्योंकि हम मोटी बुद्धि वाले हैं. जितनी बन सकेगी उतनी नाल पर भी हमारी भैंस को ही चढायेंगे.:)

    रामराम.

  4. यह अच्छी बात है कि विकिपिडिया और नॉल अलग-अलग प्रकार के विश्वकोश हैं। इससे लाभ यह होगा कि दोनो एक दूसरे से गलाकाट स्पर्धा करने के बजाय एक दूसरे की कमियों को पूरा करेंगे।

    शास्त्रीजी, आपका नॉल पर हिन्दी में लिखने के लिये लोगों को संगठित करना एवं आवश्यक बौद्धिक सहायता देना हिन्दी के लिये बहुत उपयोगी होगा। यह कार्य आरम्भ हो गया तो जोर भी पकड़ लेगा और अपनी मंजिल तक पहुंचने में सफल भी होगा।

    आप द्वारा आरम्भ ‘आइये, हिन्दी के लिये कुछ करें’ शृंखला हिन्दी जगत को नयी उर्जा प्रदान करेगी; इसमें रचनाशीलता के अंकुर पैदा करेगी ; और हिन्दी में नये विचारों सृजन के लिये उर्वरक का काम करेगी।

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