आज का आलेख देखने के लिये निम्न कडी चटकाये:
तीन पैसे के लिये सौ रुपये ठुके!!
हिन्दी, हिन्दुस्तान, और ईसा के चरणसेवक शास्त्री फिलिप का ब्लाग
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सिर्फ हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है!
आईये राजभाषा का प्रचार-प्रसार तन मन धन से करें!
रोज हिन्दी अखबार पढें, हर महीने कम से कम एक हिन्दी पत्रिका पढें,
महीने में कम से कम एक हिन्दी पुस्तक जरुर खरीदें!
वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम्
मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्।
वन्दे मातरम्।
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥
अभी शीर्षक देख लिया, चटका बाद में लगायेंगे.
चटका भी लगाया, पढ़ भी आये | धन्यवाद |
हमने चटकाया पर कुछ नही दिखा.
रामराम.