रास्ते कैसे आया चादरवाला !!

दर्जी था हमारा, बडा चालू!
नाम था चादरवाला, पर
कैंचीवाल एन्ड सन्स के नाम से
चलाता था दुकान!
पर जाना जाता था सिर्फ
”पैबंदवाला” के नाम से.

डेड गज के पैंट के लिये
हमेशा मांगता था वह,
ढाई गज.

बहाना था उसका कि
पेट है बडा आपका सामान्य से,
एवं साधारण नहीं है
पृ्ष्ठभाग आपका.

फिर भी छोटा पडता था
वस्त्र सिलने के बाद हमेशा.
बहाना था कि हो गया होगा छोटा
घर धोने पर,
सिकुडने के कारण.

ठीक किया उसकी
आदत को इस बार,
सौ का नोट देकर
पांचसौ के बदले एक लिफाफे में.

जब आया पीछे उसका फॉन-काल,
तो बताया कि था तो 500 का लेकिन
कम हो गया होगा आपके
कपडों की संगत से!!

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Author: Super_Admin

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