जैसा मैं ने वैज्ञानिक चिट्ठे: भैंस के आगे बीन बजाये 001 में कहा था, यह एक गलत धारणा है कि आम आदमी विज्ञान को नहीं समझ सकता या कि विज्ञान आम आदमी को नहीं समझाया जा सकता. आम आदमी एकदम से एक वैज्ञानिक नहीं बन सकता, लेकिन वह विज्ञान को अपने स्तर पर काफी गहराई से समझ सकता है. इस नजरिये से लिखे जाने वाले चिट्ठों की संख्या बढनी चाहिये.
हिन्दी में जो गिनेचुने विज्ञान-चिट्ठे हैं उन में डॉ अरविंद मिश्रा का साईब्लाग हरेक का पहला पडाव होना चाहिये. अरविंद जी एक सशक्त लेखक हैं और विज्ञान संवाद में उन्होंने काफी महत्वपूर्ण रोल अदा किया है.
निबंधों के साथ साथ पहेलियों द्वारा वैज्ञानिक ज्ञान फैलाने में एवं विज्ञान को बहुत अधिक जनप्रिय बनाने में “तस्लीम” ने जो किया है वह तारीफे काबिल है. हम सब के जानेपहचाने और अति उत्साही युवा चिट्ठाकार जाकिर अली ‘रजनीश’ एवं डा अरविंद इस चिट्ठे के साथ और अगले चिट्ठे के साथ जुडे हुए हैं.
साईंस ब्लॉगर्स असोसियेशन इस दिशा में एक नया प्रयोग है जिसके साथ मैं भी जुडा हुआ हूँ. इस चिट्ठे ने एक से एक उपयोगी और जानकारीपरक आलेख छापना एक आदत बना लिया है जिसके लिये इसका बहु-लेख संघ प्रशंसा का पात्र है.
इन तीन चिट्ठों के अलावा और भी कई हैं चिट्ठे जो हिन्दी में वैज्ञानिक विषयों पर आलेख छापते हैं. लेकिन कुल मिला कर इन की संख्या जरूरत से बहुत कम है. उम्मीद है कि कुछ और लेखक/चिट्ठे इस विधा में जुडेंगे. यदि आप का कोई दोस्त वैज्ञानिक चिट्ठाकारी कर सकता है तो उसे जरूर प्रोत्साहित करें.
इस आलेख में किसी भी चित्र को चटका कर आप इन चिट्ठों तक पहुंच सकते हैं.
Indian Coins | Guide For Income | Physics For You | Article Bank | India Tourism | All About India | Sarathi | Sarathi English |Sarathi Coins
कोशिश रहेगी यदि कोई उत्सुक वैज्ञानिक मिला.
ठीक कहते हैं।
बहुत सही.
रामराम.
There are so many scientists.,but for making a blog for the public , they don’t have time. Yesterday I was asking to my researcher to have a blog. Instant response was SIR,TIME KAHAN HA.
आप सही कह रहे हैं – अभी तो लोग सुबुक सुबुकवादी कविता कथा ठेल रहे हैं। इतर विषयों पर लिखने का जोखिम (या माद्दा) दिखता नहीं।
वैज्ञानिक नज़रिये को विकसित करना आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। आपके द्वारा सुझाये गये ब्लॉग इस दिशा में मह्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
इन चिट्ठों का साइंस चिट्ठाकारी में अवदान तो पूर्व-प्रशंसित ही है । अरविन्द जी और जाकिर जी का कौशल सहज ही दृष्ट होता है इनमें । यही चिट्ठे तो हैं जिन्होंने मुझ जैसे गैरवैज्ञानिक रुचि वाले मन-मस्तिष्क को भी वैज्ञानिक लेखों को पढ़ने का चाव दिया । आभार ।
प्रोत्साहन मिले तो न केवल ये चिट्ठे बहुत आगे जायेंगे, अन्य लोग भी आगे आयेंगे.
आप हमेशा सही दिशा ही दिखाते हैं. (हम देखें तब न!)
हूँ, अपनी तारीफ किसे बुरी लगती है?
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Thanks a lot for this review ! with a guide and a lover of science like you I must submit that the future of Hindi science blogging is very bright.And regarding the comment of Dr.Mukesh We could only hope that Indian scientist must be accountable to the public also by putting their works on blogs to convince the people that thier tax money is being properly utilized.
चलिये आपकी इसी पोस्ट के बहाने अपने एक और पुराने ब्लॉग कल की दुनिया का रंग-रूप बदल कर कुछ और काम उसमें भी किया जाये
jiya bekrar hai chhai bahar hai aja more balma nahi to dusra tayar hai
shahrukh ki filmein mein koi stunt nahi hota