पुताई के लिये 100,000 रुपये??

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घर की पुताई के तो सभी लोग आदी हैं, लेकिन यदि पुताई+पेंटिंग के लिये कोई 100,000 रुपये मांगे तो आप कहेंगे कि इस तरह पुत जाने से तो अच्छा है कि बिन पुताई के ही रह लें.

केरल में पुताई बहुत महंगी पढती है. यहां साल में 160 से 170 दिन पानी बरसता है. नमी ऐसी होती है कि हर ओर फंगस लगने का डर रहता है. इस कारण सामान्य चूने की पुताई विरल है. इसके बदले हर ओर विशेष फंगस-रोधी पेंटों का बोलबाला है. इस कारण पुताई करवाते समय वाकई घर का मालिक पुत जाता है.  हां, कम से कम इतनी तसल्ली है कि चार या पांच साल में एक बार ही पुताई की जरूरत पडती है.

इस बार मैं ने एक पुताई-ठेकेदार से पूछा तो वह बोला बस 100,000 रुपये में काम हो जायगा जैसे एक चाय की कीमत बता रहा हो. अंत में तय किया कि मैं मजदूर लगवा कर अपनी इच्छा के अनुसार पुताई करवाऊंगा. हर चीज का बारीकी से अध्ययन किया, माल खरीदा, मजदूर लगवाये और सारे मकान की पुताई और खिडकीदरवाजों की पेंटिंग करवाई. अंत में लगभग 40,000 में काम हो गया. इसके बावजूद लगा कि अपन पुत गये!!

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Author: Super_Admin

20 thoughts on “पुताई के लिये 100,000 रुपये??

  1. एक मकान की पुताई की कीमत एक लाख रुपये ?

    बहुत नाइन्साफ़ी है !

    अरे ओ साम्भा , पकड़ के ला तो पुताई वाले को हे.. हे हे.. हे हे हे….

  2. शास्त्री जी मै किराये पर रहता हुं , लेकिन पुताई खुद करवानी पडती है, ओर अगर मै बाजार से यहां पुताई करवाऊ तो मेरे १२, १५ हजार € खर्च आता है, ओर साथ मै घर का समान भी खुद इधर उधर करना पडता है, इस लिये ८५% लोग घर की पुताई खुद करते है, ओर हम भी चारो मिल कर अपने घर की पुताई खुद करते है, जिस मै हमे चार से पांच दिन लगते है ओर पेसा सिर्फ़ ६५ € ओर फ़िर सारा परिवार कही दो सपताह के लिये घुमने चला जाता है, जिस का खर्च आता है करीब २ हजार €, यानि मजे के मजे ओर बचत की बचत, वेसे हम लोग अपने घरो का काम ज्यादा तर खुद ही कर लेते है, अगर नही आता तो कोई पडोसी बता देता है बदले मै हम भी कभी उस के काम आ जाते है, यहां अमीर हो या गरीब सभी पेसे को बहुत ध्यान से खर्च करते है.
    चलिये अब आप पुत गये अब तो खुब चमक रहे होगे 😉

  3. चलिए 60,000 तो बचा लिए आपने एक पार्टी तो बनती है कब आएं .

  4. छुट्टी में बताते …हम भी पोतने आते ..कुछ कमाई भी हो जाती .., कुछ शास्त्रार्थ भी….और एक धांसू पोस्ट तैयार….कुछ भी हो मकसद एक धाँसू पोस्ट रहनी चाहिए…

  5. विश्वस्त सुत्रों से बाबाश्री ताऊआनंद को मालूम पडा है कि आपने ६०००० की नकद बचत की है, बाबाश्री को आधा चढावे के रुप मे अर्पण किया जाये.:)

    रामराम.

  6. वैसे अगर मैं गलत नहीं हूँ तो ये चमचमाता घर आप का ही है न शास्त्री जी..

    भई आपके तो ४० हजार पूरे के पूरे वसूल हो गए. अगली बार कभी मौका लगे तो भाटिया जी की सलाह पर जरुर अमल कीजियेगा.

  7. अब तो मान जाइये कि देश विकास की ओर अग्रसर है. पुताई के एक लाख, दाल अस्सी रुपये, लोग तब भी जीवित हैं तो देश का विकास निश्चित हो रहा है.

  8. मैं भी खुद ही सारे काम करना चाहता हूँ लेकिन पत्नी करने नहीं देती!

  9. मैं तो अपना कमरा खुद ही पोतता हू… 2 हाथ प्राईमर के और फिर 2 हाथ पैंट के. और डेढ- दौ साल की छुट्टी…

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