सभी चिट्ठाकार बन्धुओं को हिन्दी दिवस की बधाई !
कुछ उत्साही बंधुओं ने हिन्दी दिवस तक हिन्दी विकिपीडिया को ५० हजार लेखों तक ले जाने का संकल्प लिया था जिसकी प्राप्ति केवल १२०० लेख दूर है। आज हिन्दी दिवस पर इससे अच्छा क्या हो सकता है कि हम सब अंधेरे का रोना रोने के बजाय हिन्दी विकि का दीपक जलायें – अंधेरा निश्चित रूप से गायब होगा।
हिन्दी विकि (hi.wikipedia.org/) पर आइये। किसी महापुरुष, लेखक, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, राजनेता आदि की जीवनी लिखिये। किसी देश, प्रदेश, जिला, नगर, कस्बा के बारे में लिखिये। किसी नदी, नहर, पहाड़, झील के बारे में लिखिये। किसी सिद्धान्त, फेनामेनन, नियम, फार्मूला या प्रक्रम के बारे में लिखिये। इतिहास पर लिखिये, कृषि पर लिखिये, मनोविज्ञान, शिक्षा, दर्शन पर लिखिये। किसी उपयोगी सॉफ्टवेयर के बारे में लिखिये; किसी औजार, उपकरण , युक्ति, मशीन के बारे में लिखिये।
बूँद-बूंद से घड़ा भरता है। हम सभी मिल जांय तो बहुत बड़ा काम बहुत आसानी से हो जायेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी के योगदान से हिन्दी विकि आज ५० हजार लेखों की सीमा को पार कर जायेगा। किन्तु सबको इस कुंए में एक लोटा दूध डालना ही पड़ेगा। यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी कि "और सब तो दूध डालेंगे ही, मैं पानी ही डाल देता हूँ" !
–अनुनाद सिंह
बहुत सुन्दर सुझाव है आपका. एक एक बून्द से ही सागर बनता है. हिन्दी को मिल जुल कर ही समृद्ध बनाया .आपको हिन्दी दिवस की बधाई. आइये संकल्प लें कि आज से हम अधिकांश्त: बोल-चाल में हिन्दी ही उपयोग करेंगे.
बहुत सुन्दर सुझाव है आपका. एक एक बून्द से ही सागर बनता है. हिन्दी को मिल जुल कर ही समृद्ध बनाया .आपको हिन्दी दिवस की बधाई. आइये संकल्प लें कि आज से हम अधिकांश्त: बोल-चाल में हिन्दी ही उपयोग करेंगे
शायद अब पूरा भी हो गया हो .. जोर शोर से लगे हैं लोग इसमें .. .. ब्लाग जगत में आज हिन्दी के प्रति सबो की जागरूकता को देखकर अच्छा लग रहा है .. हिन्दी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं !!
@सबको इस कुंए में एक लोटा दूध डालना ही पड़ेगा। यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी कि “और सब तो दूध डालेंगे ही, मैं पानी ही डाल देता हूँ” !” ——–आपने सही आदेश दिया गुरुवर! कोशिश करता हू कुछ लिख ऑऊ।
चुकी सर! आपके इरादे पर कोई शको-शुब्बा नही है कारण 365 दिन आप हिन्दी के लिऍ काम कर रहे है। पर आज हिन्दी दिवस पर सभी ब्लोगो पर हिन्दी से सम्बन्घित लेख विचार छपे है, एसा लगता है कि लोग-बाग एक ही दिन मे आज ही हिन्दी को बिन्दी बना लेना चाहते है। इस वन डे हिन्दी मैच मे इमानदारी कम लगती है। दिखावा ज्यादा। अब सर! मन मे विचार उठ रहे थे, अन्य चिठ्ठे पर भडास निकाल नही सकता था, उचित स्थान गुरु का ही लगा तो या लिख दिया- सजा तो आप जो देगे नतमष्तक होकर ग्र्हण कर ही लुगा।
हिन्दी के प्रति इस एक दिवसीय मैच को सभी ब्लोगो पर देख अच्छा लगा अन्यथा नही ले, मैने भी अपने कुछ ब्लोग पर हिन्दी जी का बर्थ डॅ मनाया है- आऍ और हिन्दी डे को मनाऍ
आप को हिदी दिवस पर हार्दीक शुभकामनाऍ।
पहेली – 7 का हल, श्री रतन सिंहजी शेखावतजी का परिचय
हॉ मै हिदी हू भारत माता की बिन्दी हू
हिंदी दिवस है मै दकियानूसी वाली बात नहीं करुगा-मुंबई टाइगर
मैं चाहता हूं मेरे सारे लेख इसमें डल जाएं
पर डलेंगे कैसे
यह न पता चल पाए।
अच्छा कार्य!
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.
जय हिन्दी!