Category: हिन्दी
भारतीय हो, भारतीय बनो!
कई सौ सालों की गुलामी ने हम में से कईयों की सोचने की शक्ति छीन ली है. अब भाषा की बात ही ले लें: हम अंग्रेजों से तो कई दशाब्दियों पहले ही आजाद हो गये लेकिन हमारी राजभाषा अभी भी अंग्रेजी की गुलामी से आजाद नहीं हुई है. कल ही की बात है एक वाहन पर लिखा हुआ दिख गया:…
हिन्दी दिवस — एक विशेष अनुरोध !!
सभी चिट्ठाकार बन्धुओं को हिन्दी दिवस की बधाई ! कुछ उत्साही बंधुओं ने हिन्दी दिवस तक हिन्दी विकिपीडिया को ५० हजार लेखों तक ले जाने का संकल्प लिया था जिसकी प्राप्ति केवल १२०० लेख दूर है। आज हिन्दी दिवस पर इससे अच्छा क्या हो सकता है कि हम सब अंधेरे का रोना रोने के बजाय हिन्दी विकि का दीपक जलायें…
हिन्दी विकिपिडिया
मित्रों, हिन्दी विकिपिडिया को इसी हिन्दी दिवस तक पचास हजार लेखों वाला बनाने का संकल्प लिया गया है। कुछ मुट्ठी भर लोग ही इस समय इसमें लगे हैं जिनके अथक प्रयास से यह ४६,००० (छियालिस हजार) को पार कर गयी है। आप सभी से निवेदन है कि हिन्दी विकि पर जरूर पधारें: हिन्दी विकि । इस पर किसी विषय के…
रतन सिंह और विकिपीडिया !!
अनुनाद जी के ईपत्र से प्रेरणा लेकर मैं ने विकिपीडिया के बारें में जो आलेख लिखे थे उसका काफी अच्छा परिणाम हुआ है और कई लोगों ने इस दिशा में कदम उठाना शुरू किया है. उदाहरण के लिये: (रतन सिंह) आपका कल का लेख पढने के बाद विकिपीडिया पर तीन लेख लिखे है अभी विकिपीडिया को थोडा समझ रहा हूँ…
पुनीत ओमर — एक महत्वपूर्ण प्रश्न !!
मेरे कल के आलेख के बारें में मेरे एक युवा मित्र ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न टिप्पणी द्वारा प्रेषित किया है जो इस प्रकार है: (पुनीत ओमर): हिंदी भाषा के किसी भी रूप में प्रसार के लिए आप सभी को मेरी शुभकामनाये. परन्तु गूगल नौल और विकीपीडिया को हिंदी से लीप देने के पहले हम क्या इस बारे में भी सोच…
नॉल, विकीपीडिया — सब गडबड है!!
प्रश्न: शास्त्री जी, कुछ दिन पहले आप ने हम सब से गूगल के नॉल पर हिन्दी में लिखने को कहा. आज आप ने आह्वान किया कि विकिपीडिया पर हिन्दी में आलेख लिखें. सवाल है कि इन में से कौन सा बेहतर है. मुझे तो सब गडबड मालूम पडता है. बाल नोचने की इच्छा होती है. मेरे आलेख यह विकिपीडिया क्या…
यह विकिपीडिया क्या बला है??
आदरणीय अनुनाद जी ने सभी चिट्ठाकारों के लिये कल निम्न सूचना भेजी थी: खुशी की बात है कि हिन्दी विकिपिडिया अब सर्वाधिक सामग्री वाली पचास विकिपिडिया में सम्मिलित हो गयी है। इसमें लेखों की संख्या अब सत्ताइस हजार के पास पहुँच गयी है। यह सब कुछ कुछ समर्पित हिन्दीप्रेमियों के बिना थके किये गये मेहनत का परिणाम है। इसी के…
तीन हीरे — अनुनाद जी के खजाने से!!
अनुनाद जी का चिट्ठा हर हिन्दी एवं हिन्दुस्तान प्रेमी के लिये एक नियमित पडाव होना चाहिये. उनके चिट्ठे से तीन हीरे मैं आपके समक्ष रखना चाहता हूँ. उम्मीद है कि आप उनके चिट्ठे को बुकमार्क कर लेंगे. हीरा 1: हिन्दी सशक्तिकरण के सरल सूत्र हिन्दी दिवस पर हिन्दी के बारे में लोगों के विचार पढ़कर लोगों की हिन्दी से घनिष्ट…
स्तरीय हिन्दी पुस्तकें कुबेर ही पढ सकता है
यह राजभाषा हिन्दी का दुर्भाग्य है कि हिन्दी लुगदी-साहित्य तो देश के कोने कोने मे (जी हां, दक्षिण में भी) 25 से 30 रुपये में मिल जाता है, लेकिन जो किताबें व्यक्ति एवं समाज को शाश्वत लाभ दे सकती हैं वे दूढे नहीं मिलतीं. किसी तरह मिल जाये तो स्थिति यह है कि किताब खरीदो तो बीबीबच्चे भूखे रह जायें,…
हिन्दुस्तानी एकेडेमी
हिन्दुस्तान की अधिसंख्य आबादी द्वारा हिन्दी व उर्दू भाषा बोली जाती थी। देश की आजादी में भी हिन्दी और उर्दू का अत्यधिक योगदान रहा है। हिन्दुस्तानी भाषा का तात्पर्य हिन्दी + उर्दू से है। इसी हिन्दुस्तानी के संरक्षण, संवर्द्धन के लिए हिन्दुस्तानी एकेडेमी की स्थापना 22 जनवरी, 1927 में हुई। इसका उद्घाटन 29 मार्च, 1927 को लखनऊ में तत्कालीन प्रान्तीय…