Category: हिन्दी
हिन्दी प्रतीक का एचटीएमएल
हिन्दी हमारी मातृभाषा है, मात्र एक भाषा नहीं है को अपने चिट्ठे पर स्थापित करने के लिये एचटीएमएल कोड संजीव जी ने अपने चिट्ठे पर उपलब्ध करवाया है जिसे आप निम्न आलेख से प्राप्त कर सकते है. कृपया इस प्रतीक को कम से कम अगले किसी प्रतीक के आने तक अपने चिट्ठे पर जरूर प्रदर्शित करें: सारथी जी द्वारा प्रस्तुत…
हिन्दुस्तानी एकेडेमी: तकनीकी समस्या
हिन्दुस्तानी एकेडेमी को उसके पुराने जालस्थल पर सक्रिय रखने में कुछ तकनीकी बाधा उत्पन्न हो गयी है। लेकिन निराश न हों, इसका नया ठिकाना बस यहाँ क्लिक करते ही मिल जाएगा। कष्ट के लिए खेद है। धन्यवाद! सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
‘हिन्दुस्तानी एकेडमी’
हिन्दुस्तानी एकेडेमी (इलाहाबाद) हिन्दी प्रेमी भाइयों और बहनों, आज १२-१३ सितम्बर की मध्य रात्रि के समय मैं ‘हिन्दुस्तानी एकेडमी’ को अन्तर्जाल पर उतारने का दुस्साहस कर रहा हूँ। जी हाँ, दुस्साहस इस लिए कि इस संस्था का इतिहास जिन लोगों से बना है, उनके व्यक्तित्व के आगे मेरी गिनती सूर्य के आगे एक दीपक की भी नहीं है। हिन्दी के…
हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं है!!
मित्रों, नमस्कार!! मेरी क्रिएटिव टीम एक निकट आ रहे हिन्दी दिवस के मद्देनज़र एक स्लोगन को छोटी सी डिज़ाइन में रूपांतरित किया है. मुझे बड़ी ख़ुशी होगी यदि आप अपने ब्लॉग पर इसे प्रदर्शित करेंगे. आप इसे डाउनलोड कर पिक्चर के रूप में लगा सकते हैं. बड़ा ही अच्छा होगा यदि हम सब मिल कर हिन्दी के हक़ में माहौल…
भारत की भाषाई चुनौती
आज लिखने बैठा तो एक उम्दा एवं सशक्त लेखनमाला मेरी नजर मे आई. प्रस्तुत हैं कुछ उद्धरण — इस उम्मीद के साथ कि आप पूरी लेखनमाला जरूर पढेंगे: ***** Ask any Bihari student of Delhi University. She/he may be infinitely more, or equally at least, intelligent, hardworking and ambitious but she faces a daily disadvantage if she has had a…
इंस्टेंट कविता मंत्र
मैं ने पिछले साल कुछ समय निकालकर समकालीन हिन्दी लघु कविताओं का एक विश्लेषण किया था. विश्लेषण का निष्कर्ष यह था कि हिन्दी चिट्ठाजगत में छपने वाले लगभग 20% बहुत ही उम्दा कोटि की होती हैं. ये कवितायें हृदय को छू जाती हैं एवं पाठक को एकदम खुशी, दु:ख, देशप्रेम, या तमाम अन्य भावों से उद्वेलित कर जाती हैं. इस…
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को जोड सकती है!!
पिछले तीनचार दिनों से चिट्ठाकार ईसमूह में हिन्दी/अंग्रेजी पर काफी अच्छी चर्चा चल रही है. कई ऐसे प्रस्ताव आये हैं जो महज भावनात्मक है लेकिन कई ऐसे भी प्रस्ताव आये हैं जो जमीनी धरातल पर विषय का सटीक विश्लेषण करते हैं. देवयोग से आज ही एक अंग्रेजी शोध-पत्रिका में लार्ड मेकाले के एक लेख के कुछ हिस्से दिखे जिन में…
सारथी कैसे आपका प्रचार करता है!
इस चिट्ठे के आरंभ से ही सारथी की नीति अपने खुद के प्रचार प्रसार के साथ साथ अन्य हिन्दी चिट्ठों के भी प्रचार की रही है. हमारा विश्वास है कि हमारी आपसी फूट के कारण ही मुगलों ने एवं अंग्रेजों ने हम पर राज किया और हिन्दुस्तान को मन भर के लूटा. आज अंग्रेजी भारतीय समाज पर जो हावी हो…
अनुवाद से भाषा नहीं बचती
(यह कोई सैद्धांतिक विश्लेषण नहीं है.) कुछ दिनों पहले शास्त्री जे सी फिलिप को एक पत्र का जवाब दिया तो उन्होंने कहा कि मैं इसे लेख बनाकर छाप रहा हूं. वह लेख हिन्दी पर था. मैं हिन्दी भाषा और उसके विकास पर लिखने की क्षमता नहीं रखता लेकिन आपसे कुछ बातों पर राय-मशविरा तो किया ही जा सकता है. आजकल…
हिन्दी: कौन किसको बेवकूफ बना रहा है ???
[अभिनव, साभार, विश्व हिन्दी सम्मेलन का अंग्रेज़ी प्रमाण पत्र – आज…] हम हिन्दीभाषी जरा जरा सी बात पर उछले लगते हैं जैसे कि हिन्दी की लाटरी निकल आई हो. जैसे ही खबर मिलती है कि यूएनओ मे हिन्दी स्वीकृत करने जा रहे हैं तो यहा खुशी के पटाखे चलने लगते हैं. हम अपने आप को बेफकूफ बना रहे हैं मैं…